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रविंद्र नाथ मुखर्जी आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल को मान्यता बहाल एवं संचालन के लिए प्रबुद्ध जनों एवं आयुष चिकित्सकों का महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर नरेंद्र कुमार एवं आयुर्वेद कॉलेज बचाओ संघर्ष समिति के साथ एक अहम बैठक हुई।

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दिनांक 31-08-25 रोज रविवार स्थानीय रविंद्र नाथ मुखर्जी आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल की सभागार में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ नरेंद्र कुमार एवं आयुर्वेद कॉलेज बचाओ संघर्ष समिति के बुलाने पर शहर के विद्वत प्रबुद्ध जन एवं आयुष आयुर्वेद एवं होम्योपैथी चिकित्सकों का एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।इस बैठक की अध्यक्षता प्रोफेसर श्री राम निरंजन पांडे जी ने की।जबकि संचालन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर नरेंद्र कुमार के द्वारा की गई ।इस बैठक में मुख्य रूप से महाविद्यालय के संचालन हेतु उपस्थित प्रबुद्ध जन एवं विद्वत जन तथा आयुर्वेद चिकित्सकों ने अपना-अपना विचार व्यक्त की जिसमें प्रमुख वक्ता के रूप में शहर के विद्वत चिकित्सक डॉक्टर राजेश श्रीवास्तव जी ने महाविद्यालय संचालन करने हेतु सभी पहलू को रखते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा 10 वर्षों से बनी शासी निकाय निष्क्रिय है।प्राचार्य के बार-बार आग्रह के बावजूद भी सरकार एवं शासी निकाय के बने अध्यक्ष को आग्रह के बावजूद भी आज तक निकाय गठन के बावजूद उसका भौतिक रूप नहीं दिया गया ऐसी स्थिति में महाविद्यालय संचालन करने हेतु एक शासी निकाय का गठन कर स्वास्थ्य विभाग एवं जिला पदाधिकारी तथा वर्तमान शासी निकाय के अध्यक्ष जिला उप विकास आयुक्त को सूचित कर विद्वत जनों के साथ मिलकर महाविद्यालय का संचालन निकाय का गठन कर शुरू किया जा सकता है।पुनः इस कड़ी में अधिवक्ता कुमार अमित जीने ने कानूनी पहलुओं पर चर्चा करते हुए आश्वासन दिया कि न्यायालय से संबंधित सभी कार्यों में वे सहयोग करेंगे।संघर्ष समिति के संयोजक दिनेश्वर प्रसाद वर्मा जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि महाविद्यालय को चंपारण की धरोहर बताते हुए इससे बचाने के लिए हर संभव प्रयास करने का संकल्प दिया।संघर्ष समिति के सचिव कुंदन कुमार शुक्ला ने कहा कि इस धरोहर को पुनर्जीवित कर संचालन के लिए संघर्ष करते आया हूं और आगे भी करता रहूंगा।बसवरिया निवासी विद्वत ललन शुक्ला जी ने 70 वर्ष पुरानी संस्था को बचाने का अपना संकल्प दोहराया एवं कहा कि यह बसवरिया का ही नहीं चंपारण का धरोहर है इसको किसी भी कीमत पर बचाया जाएगा।बंगाली समिति के अध्यक्ष अतुल कुमार दास ने इस आयुर्वेद कॉलेज के लिए प्रत्येक माह एक बैठक करने का संकल्प लिया एवं इन्होंने कहा कि इस कॉलेज के लिए बंगाली समाज के द्वारा जो भी संघर्ष करना पड़ेगा हम लोग उसके लिए तत्पर होकर करेंगे परंतु इसके संचालन के लिए प्राचार्य के मार्गदर्शन में एक कमिटी का गठन होना चाहिए। इस कड़ी में डॉक्टर आलोक कुमार ने कहा कि नियम में जो कमियां है वह पूरा होना चाहिए। संस्था के पूर्व प्राध्यापक डॉक्टर विशंभर कुमार पाठक जी ने जिला पदाधिकारी के द्वारा निर्गत पत्र में उल्लेख कॉलेज की जमीन को खाली करने के आदेश पर रोस व्यक्त किया एवं प्राचार्य के द्वारा दिए गए प्रतिवेदन का सराहना किया एवं कहा कि इससे किसी कीमत पर समाप्त नहीं होने दिया जाएगा।डॉक्टर मूर्तुलाह जी ने इस महाविद्यालय में अपने साथ पढ़े छात्रा छात्राओं एवं अन्य आयुर्वेद चिकित्सकों के साथ मिट टुगेदर मिलन समारोह का आयोजन करने का जल्द ही आश्वासन दिया तथा प्रोफेसर राम निरंजन पांडे जी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में महाविद्यालय के विकास एवं पूर्व की भाती पढ़ाई के लिए एक जुट होकर सभी के सहयोग से कमिटी का गठन कर चलाने का सुझाव दिया एवं जिला पदाधिकारी द्वारा जारी पत्र में महाविद्यालय की भूमि को खाली करने के आदेश पर चिंता एवं रोस व्यक्त किया। इस बैठक में प्रमुख व्यक्तियों ने अपने अपने विचार रखें जैसे श्री राम विनोद सिंह, सरजीत बोस ,प्रोफेसर सुरेश चंद्र प्रसाद ,अधिवक्ता शिवनाथ तिवारी, संजय कुमार आर्य,डॉक्टर एम यू अख्तर, संघर्ष समिति की अध्यक्ष श्री पुष्कर बनर्जी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस सभा में मुख्य रूप से ग्रामीण एवं शहर के विद्वत जन उपस्थित हुए। जैसे श्री केदार शुक्ला, डॉक्टर भोलानाथ मिश्र, प्रोफेसर पंकज कुमार ,हरबंस शुक्ला
प्रकाश कुमार ,डॉक्टर अनिल कुमार सिंह ,डॉक्टर आलोक कुमार ,डॉ संजय कुमार सिंह, मोहम्मद इफ्तिखार आलम ,श्याम किशोर सिंह, संजीत कुमार
राधेश्याम पांडे
डॉक्टर राम कुमार ,रामप्रवेश सिंह ,सत्यनारायण मिश्री, ओम प्रकाश शुक्ला ,धनंजय कुमार, आदि ।आपके अपने डॉ नरेंद्र कुमार प्राचार्य रविंद्र नाथ मुखर्जी आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल मोतिहारी पूर्वी चंपारण।

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