खंडार थाना क्षेत्र के बरनावदा घाट के पास बनास नदी में नहाते समय पैर फिसलने से दो जीजा-साले गहरे पानी में डूब गए। एएसआई नंदराम गुर्जर ने बताया कि मृतक छान निवासी दिलखुश (25) पुत्र शंकरलाल बैरवा व जाखोदा निवासी विपिन (22) पुत्र इंद्रजीत बैरवा हैं। पुलिस के अनुसार परिजनों ने बताया कि मृतक की साली सपना पुत्री राजू बैरवा निवासी सिंगोर कलां की सोमवार को शादी थी। ऐसे में देर रात शादी की रस्म होनी थी।
बारात की तैयारी के लिए ससुराल से तीन लोगों को सामान लाने खंडार भेजा गया था। ऐसे में तीनों रास्ते में बनास नदी में नहाने लगे। नहाते समय एक व्यक्ति का अचानक पैर फिसल गया। दूसरे ने उसे पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन वह भी उसके साथ गहरे पानी में चला गया। इससे दोनों की डूबने से मौत हो गई। उनके तीसरे दोस्त ने घटना की सूचना पुलिस और परिजनों को दी। पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों की मदद से उन्हें नदी से बाहर निकाला। बाद में उन्हें खंडार सीएचसी लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।
शादी की खुशियां मातम में बदली
सिंगोर कलां गांव में सपना की शादी की तैयारियां कई दिनों से चल रही थीं। ऐसे में परिवार और सभी रिश्तेदार तैयारियों के साथ जश्न मना रहे थे। सोमवार को सभी के चेहरों पर खुशी साफ झलक रही थी। सपना के दोनों देवर भी बारात के स्वागत की तैयारी कर रहे थे। इस दौरान सपना के देवर की बनास नदी में मौत की खबर सुनते ही शादी की खुशियां मातम में बदल गई। शादी की सारी तैयारियां धरी की धरी रह गईं। लोग चर्चा कर रहे थे कि भगवान ऐसा किसी के साथ न करे। सभी रिश्तेदारों की आंखें नम हो गईं। घटना के बाद सिर्फ शादी की औपचारिकताएं ही पूरी की गईं। पति को याद कर बार-बार बेहोश हो रही हैं दोनों बहनें पति की मौत की खबर सुनते ही परिवार गमगीन हो गया। जिसने भी घटना के बारे में सुना, वह अस्पताल की ओर दौड़ पड़ा। सपना की बहनों को जब घटना की जानकारी मिली तो वे पति को याद कर बार-बार बेहोश हो रही थीं।
महिलाएं उन्हें ढांढस बंधाने का प्रयास कर रही थीं। बजरी के अवैध खनन से नदी में बन रही हैं खाइयां मृतक के परिजनों व ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस प्रशासन की लापरवाही के चलते क्षेत्र में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर बजरी के अवैध खनन से बनास नदी में गहरी खाइयां बन गई हैं। परिजनों व ग्रामीणों का आरोप है कि बनास नदी में जेसीबी व लोडर से दिन-रात दो-तीन मंजिला गहरी खाइयां खोदकर वहीं छोड़ दी जाती हैं। बाद में बारिश होने पर इनमें पानी भर जाता है और इस तरह के हादसे हो रहे हैं।
You may also like
Virat Kohli: A brilliance in Test cricket, bids goodbye to the 'Whites'
WTC Final 2025 के लिए ऑस्ट्रेलिया-साउथ अफ्रीका टीम की घोषणा, Live Streaming,वेन्यू और समय से जुड़ी जानकारी
Sensex and Nifty : मुद्रास्फीति और वैश्विक तनाव घटने से शेयर बाजार में चमक लौटी, सेंसेक्स-निफ्टी में तेजी का रुख
पाकिस्तान ने भारत को लौटाया BSF जवान, वाघा-अटारी बॉर्डर से हुई वतन वापसी
श्रीलंका में छह डॉल्फिन समुद्र तट पर मिलीं, चोट देखकर विज्ञानी चिंतित