राजस्थान में आज युद्ध की स्थिति से निपटने के लिए मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट किया जाएगा। इसका उद्देश्य यह देखना है कि अगर कभी युद्ध जैसी स्थिति बनती है तो अधिकारी और लोग किस तरह से प्रतिक्रिया देंगे। इसको लेकर मुख्य सचिव ने अधिकारियों को रिस्पांस टाइम बेहतर करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही मॉक ड्रिल का स्थान और समय गोपनीय रखने को कहा गया है।
सभी जिलों में होगी मॉक ड्रिल
'ऑपरेशन शील्ड' के तहत आज राजस्थान के सभी जिलों में युद्ध की मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट किया जाएगा। मुख्य सचिव सुधांश पंत ने सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वरिष्ठ अधिकारियों, जिला कलेक्टर और एसपी के साथ बैठक की। उन्होंने जरूरी निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि मॉक ड्रिल में सभी सायरन बजने चाहिए, इसलिए पहले ही उन्हें चेक कर लें। उन्होंने कहा कि पिछली मॉक ड्रिल से मिले अनुभवों के आधार पर अधिकारी युद्ध की स्थिति से निपटने के लिए खुद को और सक्षम बनाएं। उन्होंने यह भी कहा कि सभी नागरिक सुरक्षा नियंत्रक अपनी परिस्थितियों के अनुसार ड्रिल और ब्लैकआउट का समय तय करें। मॉक ड्रिल के दौरान रियल टाइम सीन तैयार करने और ब्लैकआउट का समय और स्थान गोपनीय रखने के निर्देश भी दिए गए हैं।
बैठक में सेना के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने सचिवालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कलेक्टर और एसपी शामिल हुए। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को गृह मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार समन्वय बनाए रखने, आपदा प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत करने और नागरिक सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में नागरिक सुरक्षा निदेशालय के निदेशक जगजीत सिंह मोंगा ने मॉक ड्रिल के दौरान वायुसेना, चिकित्सा, स्थानीय निकाय, गृह रक्षा, ऊर्जा, पुलिस विभाग और जिला प्रशासन की भूमिका के बारे में प्रेजेंटेशन दिया। बैठक में एसीएस गृह आनंद कुमार, डीजीपी यूआर साहू के अलावा संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और सेना के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
हर जिले में एक ही स्थान पर होगी मॉक ड्रिल
केंद्र के निर्देशानुसार एक जिले में एक ही स्थान पर मॉक ड्रिल होनी है, जिसे गोपनीय रखा जाएगा। नागरिक सुरक्षा ने मॉक ड्रिल की तैयारियां शुरू कर दी हैं। बताया जा रहा है कि 7 मई की मॉक ड्रिल में कुछ कमियां रह गई थीं, इसलिए नए सिरे से मॉक ड्रिल की जा रही है। इससे पहले 7 मई को राजस्थान के सभी जिलों में हवाई हमलों से बचने के लिए मॉक ड्रिल की गई थी। हवाई हमलों की चेतावनी देते हुए सायरन बजाकर लोगों को सतर्क किया गया था।