खरमास खत्म होते ही शादियों का सीजन शुरू होने वाला है। ऐसे में कई भक्त शादी के कार्ड देकर श्री गणेश को निमंत्रण देने के लिए राजस्थान के जयपुर स्थित मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर पहुंचेंगे। वहीं अगर किसी की शादी नहीं हो रही है तो मंदिर से मेहंदी का प्रसाद घर ले जाएं, जल्द ही घर में शादी की धुन बजेगी।
हजारों साल पुराना इतिहास
इतिहासकार के अनुसार गणेश प्रतिमा जयपुर नरेश माधोसिंह प्रथम की प्रमुख रानी के मायके मावली से 1761 ई. में लाई गई थी और मावली की प्रतिमा गुजरात से लाई गई थी। उस समय यह प्रतिमा पांच सौ साल पुरानी थी। जयपुर के नगर सेठ पालीवाल इस प्रतिमा को लेकर आए और उनकी देखरेख में मोती डूंगरी की तलहटी में मंदिर का निर्माण कराया गया।
सिंदूर का चोला
जयपुर का मोती डूंगरी गणेश मंदिर राजस्थान में आस्था का प्रमुख केंद्र है। जहां मंदिर में दाईं सूंड वाली गणेशजी की विशाल प्रतिमा को सिंदूर का चोला पहनाकर भव्य श्रृंगार किया जाता है। भगवान गणेश को सिंदूर का चोला चढ़ाने की परंपरा सालों पुरानी है।
मोती डूंगरी गणेश प्रतिमा और सिंहासन
जयपुर के मोती डूंगरी स्थित गणेश मंदिर में हमेशा भक्तों की भीड़ लगी रहती है। लेकिन शुभ दिनों में, खास तौर पर गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की प्रतिमा का श्रृंगार देखने लायक होता है। सोने-चांदी के आभूषणों और नौलखा हार से सजे भगवान गणेश की एक झलक पाने के लिए भक्त कतार में खड़े रहते हैं। भगवान गणेश को सोने का मुकुट पहनाया जाता है और चांदी के सिंहासन पर बैठाया जाता है।
खरीदा गया पहला वाहन सबसे पहले भगवान गणेश को दिखाया जाता है
जयपुर में जब भी कोई वाहन खरीदता है, तो वाहन को सबसे पहले मोती डूंगरी गणेश मंदिर में लाने की परंपरा है। नवरात्र, रामनवमी, दशहरा, धनतेरस और दिवाली के दौरान यहां अपने नए वाहनों के साथ लोगों की लंबी कतार देखी जाती है। लोगों का मानना है कि यहां नया वाहन लाकर उसकी पूजा करने से दुर्घटनाएं नहीं होती हैं।
मोती डूंगरी की मेहंदी
जिन लोगों की शादी नहीं हो रही होती है, वे मोती डूंगरी में मिलने वाली मेहंदी घर ले जाते हैं। इस मेहंदी को लगाने से जिन लोगों की शादी नहीं हो रही होती है उनकी सगाई और शादी बहुत जल्द हो जाती है। लोग इस मेहंदी को लगवाने के लिए दूर-दूर से आते हैं और घंटों लाइन में लगने के बाद इसे लगवा पाते हैं।
भगवान गणेश को शादी का पहला कार्ड
भगवान गणेश को शादी का पहला कार्ड देने की परंपरा सालों से चली आ रही है। हिंदू धर्म में कोई भी शुभ काम करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है और उनसे अनुमति ली जाती है। साथ ही शादी के कार्ड पर भगवान गणेश की छवि बनाई जाती है।शादी जैसे किसी भी शुभ काम से पहले शादी का पहला कार्ड भगवान गणेश को दिया जाता है। जयपुर के मोतीडूंगरी मंदिर में शहर के प्रथम पूज्य गणेश को शादी का पहला कार्ड देने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।
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