दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलाने के लिए राजस्थान के हिस्से के ट्रैक को सेमी-हाईस्पीड ट्रैक में बदलने का काम पूरा हो गया है। यह ट्रैक राजस्थान के भरतपुर, करौली, सवाई माधोपुर, बूंदी, कोटा, झालावाड़ जिलों से होकर गुजरता है।
कोटा-मथुरा के बीच 324 किलोमीटर लंबे रेल खंड में 30 जुलाई 2025 को कवच संस्करण 4.0 चालू हो गया है। अब मथुरा से कोटा तक 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलाई जा सकेंगी। पश्चिम मध्य और उत्तर रेलवे के रेल खंडों में यह काम अभी पूरा नहीं हुआ है। दिल्ली-मुंबई के बीच शेष 1056 किलोमीटर ट्रैक को कवच 4.0 के चालू होने का इंतजार है। मिशन रफ्तार की इस योजना के पूरा होने पर सात राज्यों के लोगों की जिंदगी की रफ्तार भी बढ़ जाएगी। सेमी-हाईस्पीड ट्रेनें चलेंगी तो यात्रा का अनुभव बदल जाएगा। निकट भविष्य में, दिल्ली से मुंबई तक लगभग 1380 किलोमीटर लंबे ट्रैक को सेमी-हाई-स्पीड में परिवर्तित किया जाएगा।
7 राज्यों को होगा लाभ... यात्रा का समय कम होगा
यह रेलवे लाइन दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरती है। नई दिल्ली-मुंबई के बीच यात्रा का समय 3.5 घंटे कम हो जाएगा। इससे यह पूरी तरह से रात भर का सफर हो जाएगा। कोटा मंडल में 185 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से ट्रेनें चलाने के लिए आधुनिक कोचों के रैक का परीक्षण किया गया है।
ये ट्रेनें दिल्ली और मुंबई के बीच 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलेंगी
दिल्ली-मुंबई तेजस राजधानी, हजरत निजामुद्दीन-त्रिवेंद्रम राजधानी, गरीब रथ एक्सप्रेस, अगस्त क्रांति तेजस राजधानी, केरल संपर्क क्रांति, स्वराज एक्सप्रेस, स्वर्ण मंदिर मेल और पश्चिम एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनें एक घंटे में 160 किलोमीटर की दूरी तय करेंगी। इससे राजस्थान के कई स्टेशनों के यात्रियों को लाभ होगा।
कवच क्या है?
यह स्वदेशी तकनीक पर आधारित एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली है।
यदि लोको पायलट ब्रेक लगाने में विफल रहता है, तो कवच स्वयं ब्रेक लगा देता है।
यह खराब मौसम में भी सुरक्षित रूप से चलने में मदद करता है।
कवच को 10,000 इंजनों में लगाने की योजना है।
इसके लिए 69 लोको शेड तैयार किए गए हैं।
इस तरह कवच की शुरुआत हुई
कवच का पहला फील्ड परीक्षण 2016 में हुआ था।
2018-19 में, तीन कंपनियों को कवच 3.2 संस्करण की आपूर्ति के लिए मंजूरी मिली।
जुलाई 2020 में, इसे राष्ट्रीय एटीपी प्रणाली के रूप में अपनाया गया।
जुलाई 2024 में, कवच 4.0 संस्करण को मंजूरी दी गई, जिसमें कई सुधार शामिल हैं।
राजस्थान को मिलेगा हाई स्पीड का लाभ
पर्यटन: कोटा, सवाईमाधोपुर जैसे पर्यटन स्थलों तक तेज़ पहुँच संभव होगी।
व्यवसाय: दिल्ली-मुंबई के बीच माल ढुलाई की गति दोगुनी हो जाएगी, जिससे राजस्थान के औद्योगिक क्षेत्रों को लाभ होगा।
भारतीय रेलवे हर साल सुरक्षा संबंधी गतिविधियों पर 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करता है। कवच, ट्रेनों और यात्रियों की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई ऐसी ही कई पहलों में से एक है। रेलवे अगले 6 वर्षों के भीतर देश भर के विभिन्न रेल मार्गों पर कवच 4.0 स्थापित करने की तैयारी कर रहा है।
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