झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और आदिवासी समुदाय के प्रमुख नेता शिबू सोरेन का 4 अगस्त 2025 को 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया। लंबी बीमारी के बाद उन्होंने दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में अंतिम सांस ली। शिबू सोरेन के जाने से राजनीति में भी शोक की लहर दौड़ गई है। पीएम मोदी, राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा, पूर्व सीएम अशोक गहलोत, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, सचिन पायलट, गोविंद सिंह डोटासरा, राजेंद्र राठौर समेत कई नेताओं ने शिबू सोरेन के निधन पर दुख जताया है। उनके बेटे और झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर यह दुखद खबर साझा करते हुए लिखा कि आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सबको छोड़कर चले गए हैं। आज मैं शून्य हो गया हूं। उनके निधन से झारखंड की राजनीति में शोक की लहर दौड़ गई है।
लंबी बीमारी के बाद निधन
शिबू सोरेन पिछले डेढ़ महीने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। 24 जून 2025 को किडनी संबंधी समस्याओं के चलते उन्हें दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल के अनुसार, डेढ़ महीने पहले उन्हें स्ट्रोक भी हुआ था, जिसके बाद से उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। पिछले एक महीने से वे वेंटिलेटर पर थे। अस्पताल ने बताया कि उन्होंने 4 अगस्त को सुबह 8:56 बजे अंतिम सांस ली। उनके निधन से न केवल झारखंड, बल्कि पूरे देश में उनके समर्थकों और चाहने वालों को गहरा सदमा लगा है।
'दिशोम गुरु' की राजनीतिक विरासत
बता दें, 'दिशोम गुरु' के नाम से मशहूर शिबू सोरेन झारखंड की राजनीति में एक कद्दावर शख्सियत थे। उन्होंने बिहार से अलग झारखंड राज्य के गठन में निर्णायक भूमिका निभाई थी। उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व में आदिवासी समुदायों और वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए आजीवन संघर्ष किया। शिबू सोरेन तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे और मनमोहन सिंह की सरकार में केंद्रीय कोयला मंत्री भी रहे। उनकी सादगी और जमीनी स्तर पर काम करने की शैली ने उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बनाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिबू सोरेन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया और कहा कि वे एक ज़मीनी नेता थे जिन्होंने आदिवासी समुदायों, गरीबों और वंचितों के सशक्तिकरण के लिए अटूट समर्पण दिखाया। उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। मेरी संवेदनाएँ उनके परिवार के साथ हैं।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जताया शोक
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन जी के निधन का समाचार अत्यंत पीड़ादायक है। उन्होंने जीवन भर समाज के कमजोर वर्गों, विशेषकर आदिवासी समुदाय के अधिकारों की रक्षा और उन्हें सशक्त बनाने के लिए संघर्ष किया। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोक संतप्त परिवार एवं समर्थकों को इस अपार दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जताया शोक
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन जी के निधन पर मैं श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। ज़मीन से जुड़े नेता सोरेन ने अपना पूरा जीवन आदिवासी समाज के कल्याण और हितों के लिए समर्पित कर दिया था। झारखंड के मुख्यमंत्री और उनके पुत्र हेमंत सोरेन, अन्य पारिवारिक सदस्यों और उनके सभी शुभचिंतकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएँ। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोकाकुल परिवार को साहस प्रदान करें।
झारखंड के लिए अपूरणीय क्षति
बता दें कि शिबू सोरेन का निधन झारखंड की राजनीति और सामाजिक आंदोलनों के लिए एक बड़ा आघात है। उन्होंने न केवल राजनीतिक मंचों पर, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी आदिवासियों और वंचितों की आवाज़ उठाई। उनके निधन पर देश भर से उनके समर्थकों और परिवार के प्रति संवेदनाएँ व्यक्त की जा रही हैं।
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