
भारतीय स्पिनर कुलदीप यादव मौजूदा एशिया कप में शानदार फॉर्म में हैं। उन्होंने अब तक खेले गए दो मैचों में सात विकेट झटके हैं और दोनों बार उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया है। हालांकि, कुछ ही समय पहले इंग्लैंड दौरे पर उनकी स्थिति बिल्कुल अलग थी। उस दौरे में उन्हें पूरी टेस्ट सीरीज़ में टीम में शामिल किया गया, लेकिन एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला।
अब कुलदीप ने इस बारे में पहली बार चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने अपने इस अनुभव को चुनौतीपूर्ण बताया और कहा कि उस समय की सबसे अच्छी बात कोच गौतम गंभीर का साफ-साफ बातचीत करनाथा। 30 वर्षीय गेंदबाज का मानना था कि उन्हें कम से कम तीन-चार टेस्ट मैच खेलने चाहिए थे। लेकिन टीम मैनेजमेंट ने उन्हें समझाया कि भारत को बल्लेबाजी में गहराई की जरूरत थी, इस वजह से उन्हें बाहर बैठना पड़ा। उस दौरे पर भारत ने ज्यादातर मैचों में नितीश कुमार रेड्डी और वाशिंगटन सुंदर जैसे ऑलराउंडरों को मौका दिया।
ओमान के खिलाफ एशिया कप मुकाबले से पहले कुलदीप ने कहा, कभी-कभी लगता था कि मैं खेल सकता हूं, लेकिन बल्लेबाजी की गहराई के कारण मुझे बाहर रहना पड़ा। बातचीत बहुत स्पष्ट थी। येमेरे कौशल या गेंदबाजी पर सवाल नहीं था, बल्कि टीम के कॉम्बिनेशन के कारण मैं बाहर रहा। गौती (गौतम गंभीर) ने साफ बताया कि क्यों मुझे मौका नहीं मिल रहा है और येमेरे लिए भी जरूरी था।rdquo;
Also Read: LIVE Cricket Scoreउन्होंने आगे बताया, जब आप कुछ समय तक बाहर रहते हैं और अचानक टीम में वापसी करते हैं तो सबसे ज्यादा जरूरी आपकी लय होती है। लगातार मैच खेलने से आपको येलय मिलती है। मेरे लिए येसमय खुद पर काम करने का था। मैंने फिटनेस सुधारी, गेंदबाजी में और तेज़ी लाई और कई नई चीजें सीखीं। जब आप नहीं खेल रहे होते हैं, तब भी आप टीम की रणनीति और परिस्थितियों को बाहर से देखकर सीख सकते हैं। कई बार आपके दिमाग में येआता है कि अगर आप इस स्थिति में होते तो कैसे खेलते। मैंने बाहर रहकर बहुत कुछ सीखा।rdquo;
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