नई दिल्ली: अक्टूबर 2024 से भारत के स्टॉक मार्केट में एक बड़ा करेक्शन शुरू हुआ था और यह करेक्शन अप्रैल 2025 के पहले कारोबारी हफ्ते तक चला था। इस दौरान निफ्टी और सेंसेक्स इंडेक्स 12–14% तक लुढ़क गए थे। 27 सितंबर 2024 को सेंसेक्स इंडेक्स 85836 के उच्चतम लेवल पर मौजूद था लेकिन करेक्शन बाद सेंसेक्स इंडेक्स 7 अप्रैल 2025 को 73137 के निचले लेवल पर पहुंच गया। ख़ैर अप्रैल महीने से बाजार में फिर से रिकवरी लौटी है। जिस वजह से निवेशकों को थोड़ी राहत मिली है। सेंसेक्स इंडेक्स 1 लाख के पार!इस बीच दुनिया की जानी-मानी इन्वेस्टमेंट बैंक और ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली की तरफ से सेंसेक्स इंडेक्स के टारगेट को लेकर के बड़े अनुमान दिए गए हैं। जिसके मुताबिक जून 2026 तक सेंसेक्स इंडेक्स 89000 के नए टारगेट को छू सकता है। वहीं तेजी की स्थिति या आसान भाषा में बोले तो अगर मार्केट में बुल रन आता है तो जून 2026 में सेंसेक्स 1,00,000 के नए कृतिमान को छू लेगा। यानी अगले 1 साल में सेंसेक्स इंडेक्स 1,00,000 के आंकड़े को छू सकता है। मॉर्गन स्टेनली का यह अनुमान भारतीय निवेशकों के चेहरे पर खुशी बढ़ा रही है। फिलहाल सेंसेक्स इंडेक्स बीते बुधवार 21 मई 2025 को 81596 के लेवल पर बंद हुआ है। मॉर्गन स्टेनली के विशेषज्ञ ने क्या कहा?मॉर्गन स्टेनली के इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट रिधम देसाई के अनुसार जून 2026 में 89000 के लेवल पर सेंसेक्स का प्राइस टू अर्निंग रेश्यो 23.5x पर होगा जो पिछले 25 साल के एवरेज के 21x से ज्यादा नजर आ रहा है। जोकि भारतीय बाजार के महंगे होने का संकेत दे रहा है लेकिन बाजार महंगा होने के पीछे के अपनी कई सारी ठोस और वाजिब वजह है जैसे भारत का बाजार कम जोखिम वाला और हाई टर्मिनल ग्रोथ रेट वाला बाजार है। इसके अलावा देश में नीतिगत माहौल स्थिर है। यह सारे फैक्टर सही रहे तो..मॉर्गन स्टेनली के रिधम देसाई का आगे कहना है कि बेस केस में ये सारी स्थितियां या फैक्टर जैसे क्रूड ऑयल की कीमत कंट्रोल में, अमेरिका में मंदी नहीं आती, डोमेस्टिक मोर्चे पर मजबूत ग्रोथ, अमेरिका भारत के बीच होने वाली ट्रेड डील अगर अनुकूल रहे, शॉर्ट टर्म में ब्याज दर में और कटौती हो, बाजार में अच्छी लिक्विडिटी होने पर Sensex 89,000 तक पहुंच सकता है।(ये एक्सपर्ट/ ब्रोकरेज के निजी सुझाव/ विचार हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स के विचारों को नहीं दर्शाते हैं. किसी भी फंड/ शेयर में निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की राय जरूर लें.)
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