भारत की अर्थव्यवस्था जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। भारत की अर्थव्यवस्था ने चार ट्रिलियन डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया है , जो देश के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है। इससे न केवल देश को वैश्विक आर्थिक मंच पर मजबूती हासिल हुई है,बल्कि इससे आम आदमी को भी कई लाभ मिलेंगे। जानते हैं कि भारत की 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था से आम नागरिकों क्या मिलेगा?भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का विकास एक जटिल और बहुआयामी प्रक्रिया है, जो देश की आर्थिक, सामाजिक, और तकनीकी प्रगति को दर्शाती है। अर्थव्यवस्था का विकास तब होता है जब कोई देश अपने संसाधनों का प्रभावी उपयोग करके उत्पादन, आय, और जीवन की गुणवत्ता में निरंतर और समावेशी सुधार करता है। भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास का इतिहाससाल 2000 तक भारत की जीडीपी 0.47 ट्रिलियन डॉलर थी। भारत ने 2007 में 1 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी हासिल की, जो स्वतंत्रता के बाद 6 दशकों में प्राप्त हुआ था। इसके बाद साल 2014 में 2 ट्रिलियन डॉलर का आंकड़ा पार किया था। साल 2021 में भारत 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनी थी। जिसके बाद अब केवल 4 साल में भारत की जीडीपी 4 ट्रिलियन डॉलर पार हो गई है। भारत के चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने से आम आदमी को लाभ 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ भारत में सर्विस टेक्नोलॉजी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश और बढ़ेगा। संभावना जताई जा रही है कि मेक इन इंडिया जैसी पहले विनिर्माण क्षेत्र को और मजबूत करेगी। जिससे नौकरियां भी बढ़ेगी और बेरोजगारी की समस्या कम होगी। भारत सरकार पिछले कुछ वर्षों से देश के इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण पर भारी खर्च कर रही है। जैसे सड़कों हवाई अड्डा बंदरगाह और मेट्रो लाइन। 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ यह निवेश और बढ़ सकता है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में कनेक्टिविटी और बेहतर हो सकती है। महंगाई पर लगेगी लगाम?- रुपये की गिरावट से आम आदमी की चिंता बढ़ी है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि मजबूत अर्थव्यवस्था से निर्यात बढ़ेगा और आयात की निर्भरता कम होगी। इससे महंगाई पर नियंत्रण पाया जा सकता है। ऐसा माना जा रहा है की चार ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ सरकार कौशल विकास और शिक्षा पर और अधिक खर्च कर सकती है। इससे युवाओं को तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा के बेहतर अवसर मिलेंगे, जिससे उनकी रोजगार क्षमता बढ़ेगी। सस्ता इलाज, बेहतर तकनीके- यह भी संभावना जताई जा रही है कि सरकारी अस्पतालों में सरकार के द्वारा सुविधा और बेहतर की जाएगी। तकनीकी क्षेत्र में भी भारत तेजी से विकास कर रहा है। देश में तकनीकी क्षेत्र में रोजगार बढ़ने से आम आदमी को बेहतर और सस्ते तकनीकी उत्पाद प्राप्त हो सकते हैं। आर्थिक वृद्धि से कृषि क्षेत्र में भी निवेश बढ़ने की भी संभावना जताई जा रही है। 2025 में दुनिया की शीर्ष 5 अर्थव्यवस्थाएं संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जिसकी जीडीपी 30.507 ट्रिलियन डॉलर है। दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में चीन दूसरे नंबर पर है, जिसकी जीडीपी 19.232 ट्रिलियन डॉलर है। जर्मनी की जीडीपी 4.745 ट्रिलियन डॉलर है, जो दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी और यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। साल 2023 में इसने जापान को पीछे छोड़ा था। भारत जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। जिसकी जीडीपी 4.187 ट्रिलियन डॉलर है। इस दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में गिना जा रहा है। दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में अब जापान का नाम है। जिसकी जीडीपी 4.186 ट्रिलियन डॉलर है। जापान की अर्थव्यवस्था को उम्र दराज आबादी काफी प्रभावित कर रही है।
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