योगी आदित्यनाथ, जिनका जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के एक छोटे गांव में हुआ, का असली नाम अजय मोहन बिष्ट है। उन्होंने अपने स्कूल के दिनों से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में सक्रियता दिखाई और हिंदुत्व के प्रति उनकी रुचि प्रारंभिक थी।
विद्यार्थी परिषद के सभी कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी रहती थी। स्कूल के बाद, उन्होंने गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित में बीएससी की डिग्री प्राप्त की और कॉलेज के दौरान सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेते रहे। पढ़ाई पूरी करने के बाद, केवल 22 वर्ष की आयु में, उन्होंने अपने परिवार का त्याग कर गोरखपुर की तपस्थली में रहने का निर्णय लिया।
महंत अवैद्यनाथ से प्रेरणा
महंत अवैद्यनाथ का प्रभाव
योगी आदित्यनाथ ने स्कूल के दिनों में वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में भाग लिया, जहां महंत अवैद्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होते थे। एक कार्यक्रम में उनके भाषण ने महंत को प्रभावित किया, जिसके बाद उन्होंने योगी को गोरखपुर आने का निमंत्रण दिया।
उत्तराधिकारी बनने की प्रक्रिया
महंत अवैद्यनाथ भी उत्तराखंड के निवासी थे, और उनका गांव योगी के गांव से केवल 10 किलोमीटर दूर था। योगी ने गोरखपुर जाकर कुछ दिन बिताए और फिर अपनी पढ़ाई के लिए ऋषिकेश के ललित मोहन शर्मा महाविद्यालय में दाखिला लिया। लेकिन उनका मन गोरखपुर की तपस्थली की ओर था। महंत की बीमारी की खबर सुनकर योगी तुरंत गोरखपुर पहुंचे।
राजनीति में कदम
महंत अवैद्यनाथ ने 1998 में राजनीति से संन्यास लेने का निर्णय लिया और योगी को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया। इस प्रकार योगी आदित्यनाथ का राजनीतिक करियर आरंभ हुआ। वे गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर के महंत हैं।
1998 में, योगी ने गोरखपुर से 12वीं लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीतकर संसद पहुंचे। उस समय उनकी उम्र केवल 26 वर्ष थी, जिससे वे सबसे कम उम्र के सांसद बने।
योगी आदित्यनाथ ने 1998 से गोरखपुर लोकसभा का लगातार प्रतिनिधित्व किया है और इस सीट से 5 बार सांसद चुने गए हैं। 2016 में उन्हें उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया, जिसके कारण उन्हें सांसद पद से इस्तीफा देना पड़ा।
योगी आदित्यनाथ का राजनीतिक प्रभाव
योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश बीजेपी के प्रमुख चेहरों में से एक हैं और उत्तर भारत की राजनीति में एक महत्वपूर्ण नेता माने जाते हैं।
इसी इंसान के कारण योगी आदित्यनाथ ने त्याग दिया था सब कुछ, देखिए गुरु-शिष्य की अनदेखी तस्वीरें
— News Just Abhi (@newsjustabhi) April 26, 2025
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