मुंबई, 9 अगस्त (आईएएनएस)। एक्टर आदित्य ठाकरे ने हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'धड़क-2' से बॉलीवुड में डेब्यू किया है।
इस फिल्म में उन्हें कैसे सेलेक्ट किया गया, इसके बारे में उन्होंने आईएएनएस को दिए खास इंटरव्यू में खुलकर बात की।
एक्टर ने कहा कि इस मूवी के लिए सेलेक्ट होना खुशी और ईश्वर का आशीर्वाद दोनों है। इस फिल्म का ऑफर उन्हें तब मिला, जब वो अपने दोस्तों के साथ गणपति विसर्जन में गए थे।
एक्टर ने आईएएनएस को बताया कि इससे पहले उनके पास प्रोफेशनली कोई काम नहीं था।
उन्होंने कहा, “धड़क-2 मेरे लिए किसी आशीर्वाद की तरह है। जब मेरे पास कोई काम नहीं था, कुछ खास नहीं हो रहा था। एक दिन एक ऑडिशन का कॉल आया और मैं बिना कुछ सोचे चला गया। मुझे याद है, जब बताया गया कि मुझे चुन लिया गया है तो उस वक्त गणेश चतुर्थी थी। मैं दोस्तों के साथ गणपति विसर्जन में गया था। मैंने कॉल उठाई और फील किया कि ये तो सच में बप्पा का आशीर्वाद है।”
एक्टर ने कहा कि सिलेक्शन होने के बाद मेरे पास ज्यादा टाइम नहीं था कि मैं लोकल भाषा को सीखूं, तब मैंने आम लोगों के साथ मिलकर उनकी बोलचाल की भाषा सीखी। वो ही ऐसे लोग थे, जो न सिर्फ भाषा के बारे में आपको बताते हैं बल्कि उस दौरान कैसे हाव-भाव रहने चाहिए, ये भी बताते हैं। ये मेरे लिए बहुत जरूरी था।
उन्होंने कहा, "मैं भोपाल के कुछ मशहूर जगहों पर जाने लगा, जैसे रज्जू टी स्टॉल। यहां मैं अजनबी लोगों से बातें करता, उनके हाव-भाव समझता, जो मेरे किरदार के लिए जरूरी थे। इसमें मैंने अपने एक दोस्त वासु की पर्सनैलिटी को भी रखा है, जो बहुत ही फनी है।"
तृप्ति डिमरी और सिद्धांत चतुर्वेदी के साथ काम करने के अनुभव के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, "पहले तो मैं फुल फैन मोड में था। उनसे दूरी बनाए रखना और उनका खूब मान करना। मैं सिद्धांत को 'गली बॉय' के वक्त से ही सराहता आया हूं और तृप्ति डिमरी को 'कला' के वक्त से। हमने साथ में करीब दो महीने तक भोपाल में शूटिंग की। फिर बाद में साथ में खूब सारा वक्त बिताने लगे, शाम को फ्री होने के बाद साथ में मस्ती करते और हंसते थे। यही केमिस्ट्री बाद में स्क्रीन पर भी दिखी। मैं खुशनसीब हूं कि ऐसे टैलेंटेड लोग मेरे दोस्त हैं।"
--आईएएनएस
जेपी/एबीएम
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