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PM Narendra Modi Birthday: इलेक्ट्रोनिक सेक्टर में हुई बड़ी क्रांति, भारत कैसे बना दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल हब

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PM Narendra Modi Birthday: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार (17 सितंबर 2025) को अपना 75वां जन्मदिन मनाएंगे. 2014 में पीएम मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने (PM Narendra Modi) थे और पिछले 11 सालों में उन्होंने भारत को ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास किए हैं और इन प्रयासों का असर आज साफ देखने को मिलता है. मोदी सरकार की मजबूत सरकारी नीतियों की बदौलत आज भारत का इलेक्ट्रनिक सेक्टर बूस्ट हुआ है. विदेशी कंपनियां भारत में मैन्युफैक्चरिंग करने लगी हैं और Apple के भारत में बने प्रोडक्ट्स की अमेरिका में धूम देखने को मिल रही है.

ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि पिछले कुछ सालों में, भारत के इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर खासतौर से मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में महत्वपूर्ण क्रांति देखने को मिली है. एक समय था जब भारत दूसरे देशों पर निर्भर था लेकिन अब मोदी सरकार की वजह से भारत भी आत्मनिर्भर बन गया है. भारत दुनिया के सबसे बड़े मोबाइल हब में से एक है और इस बदलाव के पीछे कई कारण हैं जिन्होंने मिलकर भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित किया है.

मजबूत सरकारी नीतियां
  • मेक इन इंडिया: सरकार की इस पहल से घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिला है जिससे अब भारत भी ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बन गया है.
  • PLI योजना: यह मोदी सरकार की सबसे महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है. इस योजना से इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों को भारत में उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहन मिला है. इस योजना ने Apple और Samsung जैसी बड़ी टेक कंपनियों को भारत में मैन्युफैक्चरिंग करने के लिए आकर्षित किया जिससे देश में मोबाइल प्रोडक्शन को बढ़ावा मिला है.
मोदी सरकार के राज में खुली मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग की इतनी फैक्टरी

भारत अब केवल घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए नहीं बल्कि दुनियाभर में मोबाइल फोन का निर्यात करने के लिए भी जाना जाता है. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि भारत में 2014 में केवल दो मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग फैक्टरी थीं लेकिन अब मोदी सरकार की मजबूत सरकारी नीतियों की बदलौत भारत में यह संख्या 300 से अधिक हो गई है. इतना ही नहीं, निर्यात में भी कई गुना की वृद्धि हुई है, जिससे भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता बन गया है.

मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग की वजह से बढ़े रोजगार के अवसर

2014 में भारत में केवल 18,900 करोड़ रुपए के मोबाइल फोन मैन्युफैक्चर होते थे लेकिन अब 2024 में ये आंकड़ा 4,22,000 करोड़ रुपए हो गया है. भारत में मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग के बढ़ने से न केवल इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर को बूस्ट मिला है बल्कि सरकार की मजबूत नीतियों के कारण लाखों रोजगार के भी मौके बने हैं.

केंद्रीय मंत्री ने इस साल फरवरी में एक पोस्ट शेयर करते हुए बताया था कि पिछले एक दशक में भारत में मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग की वजह से लगभग 12 लाख नई नौकरियों के अवसर बने हैं.

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