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फुल टैंक में 2,831 km दौड़ गई ये कार, देखते-देखते बन गया वर्ल्ड रिकॉर्ड

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एक ओर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ रही है, वहीं एक डीजल सेडान ने सबको याद दिला दिया कि माइलेज अब भी कितनी अहमियत रखती है. नई जनरेशन की Skoda Superb 2.0 TDI ने कमाल कर दिखाया. इस कार ने एक ही टैंक डीजल पर 2,831 किलोमीटर की दूरी तय कर दुनिया का नया रिकॉर्ड बना दिया, जो अब तक का सबसे लंबा सफर बिना रीफ्यूलिंग के है.

यह उपलब्धि सिर्फ ड्राइवर की मेहनत नहीं, बल्कि बेहतरीन इंजीनियरिंग, एयरोडायनमिक डिजाइन और डीजल इंजन की दक्षता का शानदार उदाहरण है. बस फर्क इतना है कि इस बार जवाब एक लग्जरी सेडान दे रही है, जो आमतौर पर आराम के लिए जानी जाती है, बचत के लिए नहीं.

माइलेज टेस्ट

यह रिकॉर्ड एक बिल्कुल स्टैंडर्ड Skoda Superb 2.0 TDI से बनाया गया है. इसमें कोई परफॉर्मेंस ट्यूनिंग या स्पेशल मॉडिफिकेशन नहीं किया गया था. यह Essence ट्रिम थी, जिसमें 2.0-लीटर फोर-सिलेंडर टर्बो डीजल इंजन है, जो 148 bhp की पावर और 360 Nm टॉर्क देता है. यह इंजन 7-स्पीड DSG गियरबॉक्स और फ्रंट-व्हील ड्राइव सिस्टम के साथ आता है. इस कार का ऑफिशियल माइलेज (WLTP) पहले से ही 4.8 लीटर प्रति 100 किमी (लगभग 20.8 kmpl) बताया गया है, जो अपने साइज की कार के लिए काफी अच्छा है.

कार ने दिया डबल माइलेज

यूरोप के रास्तों पर चलाते हुए कार ने डबल माइलेज दिया है. सिर्फ 2.61 लीटर प्रति 100 किमी, यानी लगभग 38.3 kmpl का एवरेज दिया. ये वही माइलेज है जो आमतौर पर छोटी हैचबैक कारें देती हैं. लेकिन यहां इसे 5 मीटर लंबी और 1.6 टन वजन वाली एक्ज़ीक्यूटिव सेडान ने हासिल किया है. रिकॉर्ड के लिए 66-लीटर का फ्यूल टैंक पूरी तरह भरा गया था. इसके बाद हर किलोमीटर को पूरी तरह नियंत्रित परिस्थितियों में चलाया गया, जहां गति से ज्यादा ध्यान माइलेज पर था.

रिकॉर्ड ऐसे बना

इस सफलता के पीछे सिर्फ कार की बेहतरीन ड्राइवट्रेन और एयरोडायनमिक्स ही नहीं, बल्कि सटीक योजना और ड्राइविंग तकनीकें भी थीं. कार को Eco मोड में चलाया गया, जिससे थ्रॉटल रिस्पॉन्स हल्का और गियर बदलना स्मूथ रहा. औसत गति 80 kmph रखी गई. यह वह रेंज थी जहां डीजल इंजन सबसे बेहतर काम करता है. टायर प्रेशर फैक्ट्री सटीक रखा गया था, जिससे रोलिंग रेजिस्टेंस कम हो.

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