पटना। बिहार सरकार ने प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनावी वर्ष में युवाओं को राहत देने के लिए कई अहम घोषणाएँ की हैं, जिनमें हाल ही में किया गया निर्णय खास तौर पर स्नातक पास बेरोजगार युवाओं के लिए उम्मीद की नई किरण बनकर आया है।
बेरोजगारी भत्ते की योजना का विस्तार
मुख्यमंत्री ने 18 सितंबर को यह घोषणा की कि अब कला, विज्ञान और वाणिज्य से स्नातक की डिग्री प्राप्त बेरोजगार युवक-युवतियों को भी “मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना” का लाभ मिलेगा। इसके तहत योग्य अभ्यर्थियों को ₹1000 प्रति माह की दर से अधिकतम दो वर्षों तक आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
किन्हें मिलेगा इस योजना का लाभ?
यह योजना उन युवाओं के लिए है जिनकी आयु 20 से 25 वर्ष के बीच है, जिन्होंने स्नातक की पढ़ाई पूरी कर ली है, लेकिन वर्तमान में न तो किसी शैक्षणिक संस्थान में नामांकित हैं और न ही किसी सरकारी, निजी या स्वयं के व्यवसाय से जुड़े हैं। ऐसे युवा जो केवल नौकरी या रोजगार की तलाश में हैं, वे इस योजना के पात्र होंगे।
सरकार की प्राथमिकता में युवा
नीतीश कुमार ने इस घोषणा के माध्यम से यह स्पष्ट किया है कि उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है राज्य के युवाओं को नौकरी और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना। उन्होंने बताया कि अगले पाँच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को नौकरी या स्वरोजगार से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
कौशल विकास पर भी ज़ोर
सरकार केवल भत्ता देने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण देने की योजनाएं भी सक्रिय हैं। इस प्रयास का उद्देश्य है कि युवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के साथ-साथ रोजगार के लायक तकनीकी और व्यावसायिक दक्षता हासिल कर सकें।
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