मेरठ में स्वामी रामभद्राचार्य की रामकथा के बाद टेंट कंपनी मालिक ने 42 लाख रुपये बकाया न मिलने का गंभीर आरोप आयोजकों पर लगाया है. टेंट कंपनी मालिक के मुताबिक, आयोजक उनके कॉल्स नहीं उठा रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित भामाशाह पार्क में आयोजित स्वामी रामभद्राचार्य की रामकथा 8 सितंबर से शुरू होकर 14 सितंबर को समाप्त हो गई. शुरुआत में यह आयोजन रामभद्राचार्य की ओर से दिए गए बयानों के चलते सुर्खियों में रहा, लेकिन अब कथा समाप्त होने के बाद एक नया विवाद सामने आ गया है. यह विवाद कथा से जुड़े भुगतान को लेकर है.
आयोजन के लिए टेंट और सजावट की जिम्मेदारी संभालने वाली कंपनी AB क्रिएशन एक्टिविटी के मालिक अनुज अग्रवाल ने गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि कथा के दौरान उनकी कंपनी और महामंडलेश्वर मां लाडलीनंद सरस्वती जी के बीच लगभग 87 लाख रुपये का अनुबंध तय हुआ था. अनुज के मुताबिक, इस अनुबंध के तहत उन्हें शुरुआत में 20 लाख रुपये एडवांस दिए गए थे. इसके अलावा कार्यक्रम के दौरान कुछ और रकम का भुगतान किया गया, लेकिन अब भी करीब 42 लाख रुपये का भुगतान बकाया है.
बकाया राशि 42 लाख रुपये का भुगतान नहींअनुज अग्रवाल का आरोप है कि कथा समाप्त होने के बाद से लगातार बकाया राशि मांगने के बावजूद उन्हें न तो पैसा दिया गया और न ही फोन कॉल्स का कोई जवाब मिल रहा है. उनका कहना है कि महामंडलेश्वर मां लाडलीनंद सरस्वती जी से सीधे यह अनुबंध तय हुआ था और इसी स्तर पर उन्हें पूरा भुगतान सुनिश्चित किया जाना चाहिए था. लेकिन अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई.
अनुज ने यह भी बताया कि जब वे अपनी बकाया राशि की मांग करने महामंडलेश्वर जी के निवास स्थान पर पहुंचे तो वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अंदर जाने नहीं दिया और उन्हें जबरन वहां से भगा दिया गया. कंपनी के मालिक का कहना है कि उन्होंने आयोजन के दौरान कई सप्लायर्स और कामगारों से सामान एवं सेवाएं ली थीं, जिनका भुगतान अब वह स्वयं करने की स्थिति में नहीं हैं.
मिल रहीं धमकियांअनुज के मुताबिक, कई सप्लायर लगातार उन पर दबाव बना रहे हैं और भुगतान की मांग कर रहे हैं. यह पूरा मामला उनके व्यवसाय और व्यक्तिगत सुरक्षा दोनों के लिए संकट बन गया है. अनुज अग्रवाल का कहना है कि उन्होंने ईमानदारी से पूरा काम पूरा किया, लेकिन अब न केवल उनका पैसा अटका हुआ है, बल्कि वे लगातार मानसिक दबाव और धमकियों का सामना भी कर रहे हैं.
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