Patna, 27 अगस्त . लोक जनशक्ति (रामविलास) पार्टी के सांसद अरूण भारती ने अमेरिकी टैरिफ की निंदा करते हुए कहा कि इन बंदिशों से हमें कोई फर्क नहीं पड़ता है.
उन्होंने से बातचीत में कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व की सरकार में यशवंत सिन्हा वित्त मंत्री थे, तब भी अमेरिका की ओर से भारत पर कई प्रकार के प्रतिबंध लगाए गए थे. आखिर उस प्रतिबंध का क्या असर हुआ था? मैं निश्चित तौर पर ये बात दावे के साथ कहता हूं कि इस बंदिश का भी कोई असर नहीं पड़ेगा. मुझे पूरी उम्मीद है कि सरकार की तरफ से इस दिशा में कोई ना कोई कदम जरूर उठाया जाएगा. हम अपने देश की अर्थव्यवस्था पर किसी भी प्रकार का नकारात्मक असर नहीं पड़ने देंगे. वैसे भी हमारी अर्थव्यवस्था विश्व में तीसरी सबसे बड़ी है. अगर ऐसी स्थिति में कोई देश हम पर प्रतिबंध लगाता है, तो इससे उसी को नुकसान होगा.
जम्मू-कश्मीर के वैष्णो देवी के पास हुए भूस्खलन पर अरुण भारती ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार की तरफ से राहत एवं बचाव कार्य जारी है. सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि सभी को मदद मिले और जिन लोगों ने इस हादसे में अपनी जान गंवाई है, उनके परिजनों को भगवान इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें.
उन्होंने मोहन भागवत के बयान पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया देने से साफ इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि सबसे पहले हमें उनके संदर्भ को समझना होगा, तभी जाकर हम किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया दे सकते हैं.
उन्होंने तेजस्वी यादव के चिराग पासवान को शादी करने की सलाह पर तंज कसा और कहा कि तेजस्वी ने यह सलाह अपने बड़े भाई को भी दी होगी. अपने बड़े भाई की हालत देखने के बाद तेजस्वी यादव का भी हौसला डगमगा जाता होगा.
बिहार में जारी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ पर अरुण भारती ने कहा कि बाबा साहेब के संविधान की खूबसूरती यही है कि बिहार के लोगों को गाली देने के बाद भी रेवंत रेड्डी यहां आकर अपना एजेंडा चला सकते हैं. कमाल की बात यह भी है कि एनडीए की मजबूती को देखते हुए महागठबंधन को अपने नेताओं को यहां बुलाना पड़ रहा है. उन्होंने एमके स्टालिन के बिहार आगमन पर कहा कि आज ये लोग बिहार आ रहे हैं. ये वही लोग हैं, जिन्होंने बिहार के लोगों के संबंध में अपमानजनक टिप्पणी की थी. ऐसी स्थिति में यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या ये लोग और कांग्रेस के नेता अपनी टिप्पणी को लेकर बिहार के लोगों से माफी मांगेंगे.
लोजपा सांसद ने कहा कि तेजस्वी यादव पहले ही इस बात को कह चुके हैं कि वो खुद को बिहार के सीएम के रूप में देखना चाहते हैं. इसके अलावा, वो राहुल गांधी को Prime Minister के पद पर देखना चाहते हैं, जिसका जिक्र वो कई राजनीतिक सभाओं में कर चुके हैं. राजद और तेजस्वी यादव दिल्ली दरबार के सामने घुटने टेक चुके हैं. राहुल गांधी के सामने चुनौती है कि वो Chief Minister पद का उम्मीदवार किसे बनाएं, तेजस्वी यादव या मुकेश सहनी को?
उन्होंने कहा कि आमतौर पर देखा जाता है कि लोग आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहने के बावजूद भी सरकार चलाते हैं. बीते दिनों हमने देखा था कि आम आदमी पार्टी के नेता सलाखों के पीछे थे, लेकिन वे सत्ता पर काबिज रहे, जो कि राजनीतिक शुचिता के लिहाज से बिल्कुल भी ठीक नहीं है. इस तरह की स्थिति को भारतीय राजनीति में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है. आगामी दिनों में राजनीति में शिक्षित लोगों का आगमन जरूरी है. उसी तरह से यह भी जरूरी है कि अगर कोई आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त है, तो उसका भी राजनीति में आना वर्जित होना चाहिए.
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एसएचके/एबीएम
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