भोपाल, 1 मई 2025 . मध्य प्रदेश के वरिष्ठ भाजपा नेता और विधायक रामेश्वर शर्मा ने गुरुवार को समाचार एजेंसी से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने केंद्रीय कैबिनेट द्वारा जातिगत जनगणना कराए जाने के फैसले पर टिप्पणी की. उन्होंने भोपाल में सामने आ रहे लव जिहाद के मामलों पर भी बेबाक राय रखी. भाजपा विधायक ने जातिगत जनगणना की पहल को गरीबों के उत्थान का मजबूत आधार बताया.
रामेश्वर शर्मा ने कहा कि सरकार के फैसले पर विरोधी चाहे कुछ भी सोचें, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन में ‘सबका साथ, सबका विकास’ की भावना है. भाजपा और एनडीए सरकार ने इस दिशा में विचार किया कि जातिगत आंकड़े एकत्र किए जाएं, जिसमें शिक्षा, गरीबी, रोजगार और सामाजिक, राजनीतिक, प्रशासनिक, व्यवसायिक और शैक्षणिक स्थिति का विश्लेषण हो. यह डेटा समाज के सामने आएगा और सरकार को लोक कल्याणकारी योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी, जिसे जनता के हित में लागू किया जाएगा.
वहीं, विपक्ष के दावों पर उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि नरसिम्हा राव, चंद्रशेखर, आई.के. गुजराल और मनमोहन सिंह के कार्यकाल में भी भारत में जातियां थीं, लेकिन तब किसी ने इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाया. इसके विपरीत, पीएम मोदी ने गरीबों के उत्थान के लिए कई कदम उठाए, जैसे राशन कार्ड, प्रधानमंत्री आवास योजना, शिक्षा व्यवस्था में सुधार, और स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय निर्माण. कोविड-19 महामारी के दौरान सड़क पर ठेले लगाने वालों और छोटे व्यवसायियों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान किए गए.
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने किसान सम्मान निधि योजना शुरू कर किसानों को उनकी लागत का उचित मूल्य और मुआवजा सुनिश्चित किया. अब जातिगत जनगणना के माध्यम से सरकार पूर्ण डेटा एकत्र करेगी, जिससे लोक कल्याणकारी योजनाएं बनाने में सफलता मिलेगी. शर्मा ने जोर देकर कहा कि यह पहल पीएम मोदी, बीजेपी और एनडीए की सरकार के नेतृत्व में शुरू की गई है, और इसका श्रेय केवल उसी को मिलेगा, जो इसे वास्तव में लागू कर रहा है. विरोधियों के ढोल पीटने से कोई लाभ नहीं होगा. यह जातिगत जनगणना गरीबों के उत्थान और समावेशी विकास की दिशा में एक नई शुरुआत है.
वहीं, लव जिहाद के मुद्दे पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि यह एक महापाप और इस्लामिक कट्टरता की उपज है. भोपाल, मध्य प्रदेश और पूरे देश में लव जिहाद की घटनाएं संचालित हो रही हैं. मुख्यमंत्री मोहन यादव और पुलिस अधिकारियों को इस मामले की गंभीरता से अवगत कराया गया था. यह केवल दो लोगों की घटना नहीं है, बल्कि इसमें सैकड़ों लोग शामिल हैं. मकान देने वाले, लड़कियों को मकान तक पहुंचाने वाले और उन्हें भोजन उपलब्ध कराने वालों की भूमिका भी जांच के दायरे में है. बिना रोजगार के इतनी बड़ी इमारतें कैसे बन रही हैं और इसके पीछे वित्तीय सहायता कौन प्रदान कर रहा है?
उन्होंने कहा कि लव जिहाद की मानसिकता को कुचलने के लिए कठोर कार्रवाई जरूरी है. अपराधियों के खिलाफ सख्ती, सार्वजनिक अपमान, और सरकारी संपत्तियों पर बनी इमारतों पर सवाल उठाने की जरूरत है. शर्मा ने समाज के सभी वर्गों से अपील की कि जातिगत भेदभाव भूलकर हिंदू समाज एकजुट होकर अपनी बेटियों की रक्षा करे, चाहे वह जैन, ब्राह्मण, वैश्य, सनातनी या किसी भी समुदाय की हों. उन्होंने सामूहिक जिम्मेदारी लेते हुए लव जिहाद के खिलाफ आंदोलन चलाने, जागरूकता अभियान शुरू करने, कॉलेजों और घर-घर जाकर बेटियों को शिक्षित करने की बात कही. माताओं-बहनों से अनुरोध किया कि वे हॉस्टल में रहने वाली और पढ़ाई के लिए बाहर जाने वाली बेटियों को इस खतरे के बारे में बताएं.
उन्होंने चेतावनी दी कि “मायावी लोग” झूठे नाम और पहचान बदलकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर जाल बुनते हैं, बेटियों को घुमाने ले जाते हैं और आपत्तिजनक तस्वीरें खींचकर उन्हें ब्लैकमेल करते हैं. ऐसे अपराधियों को इस तरह कुचला जाएगा कि उनकी अगली तीन पीढ़ियां भी इस तरह का कृत्य करने की हिम्मत न करें. उन्होंने कहा कि चाहे राजनीतिक व्यक्ति, नेता, मुल्ला, मौलवी, कट्टरपंथी, गुंडा या बदमाश हो, सभी को सजा मिलेगी. अपराधियों को फांसी तक पहुंचाने के लिए समाज को संगठित होकर सड़कों पर उतरना होगा.
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पीएसके/एकेजे
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