कोझिकोड (केरल), 6 सितंबर . केरल में Saturday सुबह मस्तिष्क संक्रमण से जुड़ी बीमारी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस से पीड़ित एक और मरीज की मौत हो गई. इस साल इस बीमारी से राज्य में मरने वालों की संख्या सात हो गई है.
अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस से पीड़ित रतीश (45) वायनाड जिले के बाथेरी का रहने वाला था, जिसका एक सप्ताह से अधिक समय से कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल (केएमसीएच) में इलाज चल रहा था.
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि Saturday तड़के मरीज की मौत की सूचना मिली.
रतीश को तेज बुखार और खांसी की शिकायत के बाद घर के पास एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालत बिगड़ने पर उसे केएमसीएच रेफर कर दिया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया.
केएमसीएच में भर्ती कासरगोड जिले के एक और मरीज की हालत गंभीर बनी हुई है, जबकि ग्यारह अन्य का इलाज चल रहा है. Friday को एक मरीज को छुट्टी दे दी गई.
केरल में इस साल अब तक अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस के 42 मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से ज्यादातर मामले कोझीकोड और मलप्पुरम जिलों से सामने आए हैं. इस साल इस बीमारी से अकेले कोझीकोड में चार मौतें हुई हैं, जिनमें पिछले महीने एक तीन महीने का शिशु और एक नौ साल की बच्ची भी शामिल है.
अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस एक दुर्लभ, लेकिन बेहद खतरनाक मस्तिष्क संक्रमण है, जो नेग्लेरिया फाउलेरी नाम के अमीबा के कारण होता है. इसे आम भाषा में ‘दिमाग खाने वाला अमीबा’ भी कहते हैं.
दूषित पानी में तैरने या नहाने के दौरान ये अमीबा नाक के रास्ते शरीर में प्रवेश करता है. नेग्लेरिया फाउलेरी गर्म और मीठे पानी में खासकर गर्मियों और मानसून के महीनों में जीवित रहता है.
मस्तिष्क संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बाद स्वास्थ्य अधिकारियों ने कोझीकोड और मलप्पुरम जिलों में तालाबों, कुओं और अन्य जल स्रोतों के पानी की जांच बढ़ा दी है.
केएमसीएच ने बीमारी का पता लगाने के लिए नैदानिक सुविधाओं का विस्तार किया है. केरल के वन मंत्री ए.के. ससीन्द्रन के आवंटित धन का उपयोग अतिरिक्त परीक्षण उपकरण खरीदने के लिए किया जाएगा.
केरल सरकार पूरे राज्य में कुओं, पानी की टंकियों और सार्वजनिक जल निकायों की सफाई का अभियान चला रही है.
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वीसी
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