नई दिल्ली, 28 मई . भारत में अपनी विनिर्माण योजनाओं को आगे बढ़ाने के साथ ही अप्रैल में देश से अमेरिका को आईफोन निर्यात में सालाना आधार पर 76 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. हाल ही में आई एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.
मार्केट रिसर्च फर्म ओमडिया के नवीनतम अनुमानों के अनुसार, अप्रैल में अमेरिका को लगभग 30 लाख ‘भारत निर्मित’ आईफोन भेजे गए.
इसकी तुलना में, चीन से आईफोन शिपमेंट में 76 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई है और यह केवल 9,00,000 यूनिट रह गया है.
सीएनबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह पहली बार है जब भारत ने अमेरिकी बाजार में आईफोन की सप्लाई में चीन को लगातार पीछे छोड़ा है.
रिपोर्ट में ओमडिया के रिसर्च मैनेजर ले झुआन चिउ के हवाले से कहा गया है, “एप्पल कई सालों से इस तरह की व्यापारिक रुकावटों के लिए तैयारी कर रहा था. अप्रैल में आई तेजी टैरिफ बढ़ोतरी से पहले स्ट्रैटेजिक स्टॉकपाइलिंग को दर्शाती है.”
इस समय अमेरिका में आईफोन की मांग प्रति तिमाही लगभग 20 मिलियन है.
देश में पूरी तरह से इंटीग्रेटेड सप्लाई चेन के अभाव में ‘मेड इन यूएस’ एप्पल आईफोन की कीमत 3,500 डॉलर (2,98,000 रुपए से अधिक) हो सकती है.
वेडबश सिक्योरिटीज में टेक्नोलॉजी रिसर्च के ग्लोबल हेड डैन इवेस ने हाल ही में सीएनएन को बताया कि पूरी तरह से घरेलू आईफोन उत्पादन का विचार एक ‘काल्पनिक कहानी’ है.
इवेस ने यह भी चेतावनी दी कि अमेरिका में एप्पल की जटिल एशियाई सप्लाई चेन को अमेरिका में दोहराने से लागत बहुत बढ़ जाएगी.
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, एप्पल को अपनी सप्लाई चेन का केवल 10 प्रतिशत अमेरिका में शिफ्ट करने में कम से कम तीन साल और 30 बिलियन डॉलर का भारी खर्च लगेगा.
एप्पल के सीईओ टिम कुक ने कंपनी की नवीनतम तिमाही अर्निंग कॉल के दौरान कहा कि जून तिमाही के लिए अमेरिका को भेजे जाने वाले आईफोन का “अधिकांश” हिस्सा भारत से आएगा.
वहीं दूसरी ओर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोपीय संघ से आयातित सभी वस्तुओं पर 50 प्रतिशत कर लगाने की धमकी दी है, साथ ही आईफोन के अमेरिका में न बनने पर एप्पल के उत्पादों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी है.
हालांकि, जानकार सूत्रों के अनुसार, भारत की प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता इसे एप्पल जैसी तकनीकी दिग्गजों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनाता है. एप्पल ने सरकार को अपने उत्पादों के निर्माण और ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया है.
हाल के वर्षों में भारत एप्पल की वैश्विक सप्लाई चेन का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है.
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एसकेटी/एएस
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