New Delhi, 17 सितंबर . GST सुधारों में नवीकरणीय ऊर्जा पर टैक्स की दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है. इससे 3 किलोवाट तक के रूफटॉप सोलर सिस्टम की कीमत 9,000 रुपए से लेकर 10,500 रुपए तक कम हो सकती है. यह जानकारी नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की ओर से Wednesday को दी गई.
इस कदम से लाखों परिवारों के लिए सौर ऊर्जा अपनाना आसान हो जाएगा और Prime Minister सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत रूफटॉप सोलर सिस्टम की लागत में भी कमी आएगी.
Government के इस कदम से स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं से बिजली उत्पादन ज्यादा किफायती हो जाएगा और घरों, किसानों, उद्योगों और डेवलपर्स को सीधा लाभ होगा.
मंत्रालय ने कहा कि उदाहरण के लिए, एक उपयोगिता-स्तरीय सौर परियोजना की पूंजीगत लागत, जो आमतौर पर लगभग 3.5-4 करोड़ रुपए प्रति मेगावाट होती है, GST सुधार से लागत में 20-25 लाख रुपए प्रति मेगावाट की कमी आएगी.
इसी प्रकार, GST सुधारों से 500 मेगावाट के सोलर पार्क की लागत 100 करोड़ रुपए से अधिक कम हो सकती है.
GST में कमी से नवीकरणीय ऊर्जा के स्तरीय शुल्क कम होने की उम्मीद है, जिससे वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) पर बिजली खरीद का वित्तीय बोझ कम होगा.
इससे देश भर में बिजली खरीद लागत में सालाना 2,000-3,000 करोड़ रुपए की बचत हो सकती है. अंतिम उपभोक्ताओं को सस्ती स्वच्छ बिजली तक बेहतर पहुंच का लाभ मिलेगा, जिससे India के बिजली क्षेत्र की दीर्घकालिक स्थिरता को बल मिलेगा.
पीएम-कुसुम योजना के तहत किसानों को भी काफी लाभ होगा. लगभग 2.5 लाख रुपए की लागत वाला 5 एचपी का सौर पंप अब लगभग 17,500 रुपए सस्ता हो जाएगा. 10 लाख सौर पंपों के पैमाने पर, किसानों को सामूहिक रूप से 1,750 करोड़ रुपए की बचत होगी, जिससे सिंचाई अधिक किफायती और टिकाऊ हो जाएगी.
कम GST मॉड्यूल और घटकों की लागत को 3-4 प्रतिशत तक कम करके India में निर्मित नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएगा, जिससे ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहलों को समर्थन मिलेगा.
India का 2030 तक 100 गीगावाट सौर ऊर्जा मैन्युफैक्चरिंग क्षमता का लक्ष्य है, और यह सुधार घरेलू मैन्युफैक्चरिंग केंद्रों में नए निवेश को प्रोत्साहित करेगा.
मंत्रालय ने कहा, “यह देखते हुए कि प्रत्येक गीगावाट मैन्युफैक्चरिंग क्षमता लगभग 5,000 रोजगार सृजित करती है, यह सुधार अगले दशक में 5-7 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगारों को बढ़ावा दे सकता है, जिससे India का स्वच्छ ऊर्जा औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र मजबूत होगा.”
GST में कटौती से न केवल ऊर्जा की लागत कम होगी, बल्कि निवेशकों का विश्वास भी बढ़ेगा, जिससे बिजली खरीद समझौतों पर तेजी से हस्ताक्षर हो सकेंगे और परियोजनाओं को जल्दी शुरू किया जा सकेगा.
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एबीएस/
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