पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ, जो आतंकियों की पनाहगाह बना हुआ है, कड़ा रवैया अपनाना शुरू कर दिया है। इस भारतीय सख्ती से पाकिस्तान के हुक्मरानों में बेचैनी साफ नजर आ रही है, और वे भारत को जवाबी कार्रवाई की गीदड़भभकियां दे रहे हैं। सबसे ज्यादा घबराहट पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बयानों में दिख रही है। अब खबर आ रही है कि शहबाज शरीफ को उनके बड़े भाई और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत से टकराव न करने की सलाह दी है।
पाकिस्तानी अखबार ट्रिब्यून डॉट पीके की रिपोर्ट के अनुसार, नवाज शरीफ ने शहबाज को सुझाव दिया है कि भारत से बिगड़े रिश्तों को बातचीत और कूटनीतिक माध्यमों से सुलझाया जाए। रिपोर्ट के मुताबिक, नवाज ने स्पष्ट कहा कि भारत के साथ युद्ध छेड़ना पाकिस्तान के हित में नहीं होगा।
NSC बैठक में भारत के फैसलों की दी जानकारी
रविवार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के अध्यक्ष नवाज शरीफ से मुलाकात की और उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की बैठक में लिए गए अहम फैसलों से अवगत कराया। यह बैठक भारत द्वारा सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty - IWT) को निलंबित करने के निर्णय के बाद बुलाई गई थी। भारत ने यह कदम पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर उठाया था। शहबाज शरीफ ने नवाज को यह जानकारी जाती उमरा स्थित उनके आवास पर दी, जहां पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज भी मौजूद रहीं।
शहबाज शरीफ की गीदड़भभकी
इस बैठक के दौरान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने बड़े भाई नवाज शरीफ को बताया कि पाकिस्तान किसी भी भारतीय हमले का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है और इस बार प्रतिक्रिया अधिक ताकतवर होगी। हालांकि उनके इस तेवर में घबराहट और असुरक्षा साफ झलक रही थी।
नवाज शरीफ का संयम बरतने का संदेश
PML-N के सूत्रों के अनुसार, नवाज शरीफ ने शहबाज को सलाह दी कि भारत के साथ किसी भी तरह के टकराव से बचा जाए। उन्होंने कहा कि सरकार को सभी कूटनीतिक साधनों का उपयोग करना चाहिए ताकि युद्ध जैसी स्थिति से बचा जा सके। नवाज ने यह भी दोहराया कि वे आक्रामक नीति के समर्थक नहीं हैं।
भारत के एक्शन से सकते में पाकिस्तान
भारत द्वारा उठाए गए सख्त कदमों ने पाकिस्तान में खलबली मचा दी है। इससे पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत को अमेरिका, ईरान, चीन, रूस और ब्रिटेन जैसे देशों के अधिकारियों के साथ मिलकर एक अंतरराष्ट्रीय आयोग गठित करने का प्रस्ताव दिया था। उनका दावा था कि पाकिस्तान इस आयोग के माध्यम से दुनिया के सामने सच्चाई लाएगा। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने ऐसी मांग की हो। इससे पहले भी वह मुंबई आतंकी हमला और पुलवामा हमले जैसे मामलों में अंतरराष्ट्रीय जांच की बात करता रहा है, लेकिन हर बार समय आने पर अपने वादों से मुकरता रहा है।
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