लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने अजमेर जिले में तबाही मचा दी है। गुरुवार देर रात बोराज गांव स्थित तालाब की पाल अचानक टूट गई, जिससे आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बन गए। पानी का तेज बहाव देखते ही देखते रिहायशी इलाकों में घुस गया और वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
10 फीट तक पानी में डूबे मकान और सड़कें
तालाब की पाल टूटते ही पानी इतनी रफ्तार से फैला कि कॉलोनियों और मुख्य रास्तों पर लगभग 8 से 10 फीट तक गहराई वाला पानी भर गया। कई घर पूरी तरह जलमग्न हो गए। दुकानों और मकानों में रखा फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक्स और जरूरी सामान पानी में बह गया। मिट्टी और मलबे ने हालात और बिगाड़ दिए, जिससे सफाई करना भी कठिन हो गया है।
प्रशासन की सतर्कता से टली जनहानि
गांव के लोगों का कहना है कि महज कुछ मिनटों में पूरा इलाका डूब गया। हालांकि, जिला प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए पहले से ही कुछ मकान खाली करा दिए थे। इस त्वरित कदम के चलते जानमाल का बड़ा नुकसान टल गया।
वाहनों की हालत खराब, बिजली आपूर्ति ठप
तेज धारा के कारण कई गाड़ियां पानी में डूब गईं। कुछ दोपहिया वाहन बहकर दूर चले गए, जबकि कई चारपहिया गाड़ियां पूरी तरह जलमग्न हो गईं। एहतियात के तौर पर इलाके की बिजली सप्लाई काट दी गई ताकि करंट लगने जैसी कोई दुर्घटना न हो। इससे लोगों को रातभर अंधेरे में गुजारना पड़ा।
खाने-पीने की वस्तुओं की किल्लत
पानी घरों में घुसने से खाद्यान्न और पीने का पानी भी बर्बाद हो गया। प्रभावित लोग अब खाने-पीने की जरूरी चीजों के लिए परेशान हैं। बच्चों और बुजुर्गों की स्थिति सबसे ज्यादा नाजुक हो गई है, क्योंकि उन्हें विशेष देखभाल की जरूरत होती है।
रातभर जागते रहे लोग, बचाया कीमती सामान
गांव और कॉलोनियों के निवासियों ने पूरी रात जागकर अपने सामान को बचाने की कोशिश की। जैसे-जैसे पानी का स्तर बढ़ता गया, कई लोगों को मजबूरन छतों पर शरण लेनी पड़ी।
राहत कार्य जारी, बारिश से बढ़ी दिक्कतें
घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन, राजस्व और पुलिस विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं। बचाव अभियान चलाकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। नुकसान का आकलन भी किया जा रहा है। हालांकि लगातार हो रही बारिश राहत कार्यों में अड़चन डाल रही है।
ग्रामीणों का आरोप: लापरवाही से बिगड़े हालात
इस हादसे के बाद ग्रामीण प्रशासन से नाराज हैं। उनका कहना है कि तालाब की पाल जर्जर हालत में थी और बार-बार शिकायत करने के बावजूद समय पर मरम्मत नहीं की गई। ग्रामीणों का आरोप है कि अगर प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई की होती, तो आज इतनी बड़ी आपदा नहीं आती।
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