लाइव हिंदी खबर :- अमेरिका के पूर्व उपराष्ट्रपति डिक चेनी का 84 साल की उम्र में निधन हो गया है। वे लंबे समय से निमोनिया और दिल की बीमारी से जूझ रहे थे। परिवार ने मंगलवार को जारी बयान में बताया कि उनकी तबीयत पिछले कुछ महीनों से लगातार खराब चल रही थी।

चेनी 2001 से 2009 तक राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल में उपराष्ट्रपति रहे। उन्हें अमेरिकी इतिहास का सबसे ताकतवर उपराष्ट्रपति कहा जाता था। 9/11 हमले के बाद अमेरिका की सुरक्षा नीतियों और विदेश नीति में उनका बड़ा प्रभाव था। इराक पर हमले का फैसला भी उन्हीं की सलाह पर लिया गया था। उनका कहना था कि इराक के पास विनाशकारी हथियार हैं और सद्दाम हुसैन अमेरिका के लिए खतरा बन सकता है। हालांकि बाद में यह दावा गलत साबित हुआ।
डिक चेनी को वॉशिंगटन में ‘शैडो प्रेसिडेंट’ कहा जाता था क्योंकि वे पर्दे के पीछे से फैसलों को प्रभावित करते थे। रक्षा, खुफिया और विदेश नीति जैसे अहम मामलों में उनकी राय सबसे ज्यादा मानी जाती थी। उनके समय में अमेरिका ने ग्वांतानामो जेल, पैट्रियट एक्ट और सीआईए की पूछताछ नीतियों जैसी विवादित योजनाएं शुरू कीं।
आखिरी वर्षों में चेनी अपनी ही रिपब्लिकन पार्टी से दूर हो गए थे। उन्होंने डोनाल्ड ट्रम्प की खुलकर आलोचना की और कहा कि ट्रम्प अमेरिका के लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं। 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने डेमोक्रेट नेता कमला हैरिस को वोट दिया था। इसके बाद पार्टी के कई नेताओं ने उनसे दूरी बना ली थी।
चेनी का जन्म 30 जनवरी 1941 को नेब्रास्का में हुआ था। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1970 के दशक में की थी और कई अहम पदों पर रहे। उन्हें कई बार दिल का दौरा पड़ा था और 2012 में उनका हार्ट ट्रांसप्लांट भी हुआ था। उन्हें एक ऐसे नेता के रूप में याद किया जाएगा जिन्होंने अमेरिका की राजनीति और विदेश नीति को गहराई से प्रभावित किया।
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