भोपाल: मध्य प्रदेश से मानसून धीरे-धीरे विदा ले रहा है। उत्तर भारत से बादलों की विदाई की शुरूआत हो चुकी है। प्रदेश में भी धूप छांव के नजारे दिखने लगे हैं। उत्तर भारत से लेकर मैदानी इलाकों को पानी-पानी करने के बाद अब बारिश विदा होने वाली है, लेकिन एमपी के कुछ जिलों को अभी राहत मिलने वाली नहीं है। नवरात्रि के आखिरी सप्ताह तक पूर्वी और दक्षिण पूर्वी इलाकों में सितंबर के आखिर तक बारिश देखने को मिलेगी।
मौसम विभाग के अनुसार 22 से 25 सितंबर के बीच बंगाल की खाड़ी से नया सिस्टम बन सकता है, जिससे पूर्वी और दक्षिण पूर्वी मप्र के जिलों में दोबारा बारिश हो सकती है। इन में बालाघाट, मंडला, सिवनी, डिंडोरी, छिंदवाड़ा सहित आसपस के इलाकों में बारिश का दौर लौट सकता है। कुल मिलाकर नवरात्रि के दौरान यहां बारिश होती रहेगी। जबकि भोपाल, उज्जैन, इंदौर, ग्वालियर, चंबल में बारिश की संभावना बहुत ही कम है और यहां मौसम शुष्क रहेगा। हालांकि पूर्वी एमपी के रीवा, शहडोल, जबलपुर संभागों में हल्की और मध्यम बारिश का दौर देखने को मिल सकता है।
रविवार को कई जिलों में रहा बारिश का जोर
मौसम विभाग के बुलेटिन के अनुसार रविवार को एमपी के कुछ जिलों में बारिश का जोरदार असर रहा। इसमें राजधानी भोपाल में दोपहर बाद आंधी, हवाओं के साथ बारिश दर्ज की गई तो नरसिंहपुर, नर्मदापुर, मंडला और उज्जैन में भी बारिश हुई है। सागर संभाग के कई इलाकों में शाम को बारिश हुई है। एमपी के नागदा में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज हुई है। यहां 82 एमएम अर्थात 3.25 इंच के आसपास बारिश दर्ज की गई है। वहीं निवाली में 3 इंच से अधिक, गौहरगंज और तिरला में पौने तीन इंच बारिश दर्ज हुई है। करीब 33 स्थानों पर एक इंच से ज्यादा बारिश दर्ज हुई है।
सीजन में बारिश की अब तक की स्थिति
एमपी में मानसून सीजन में 1 जून से 21 सितंबर तक औसत से अधिक बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग द्वारा दी गई जानकारी अनुसार प्रदेश में औसत से 21 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है। यदि प्रदेश के अलग—अलग हिस्सों की बात करें तो उसमें पूर्वी मप्र में औसत से 16 प्रतिशत अधिक, पश्चिमी मध्य प्रदेश में औसत से 24 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज हुई है।
सोमवार को MP में यहां यलो अलर्ट
प्रदेश के बैतूल हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, धार में भारी बारिश का यलो अलर्ट दिया गया है। इसके अलावा करीब दो दर्जन से अधिक जिलों में कहीं हल्की तो कहीं तेज बारिश की संभावना जताई गई है।
मौसम विभाग के अनुसार 22 से 25 सितंबर के बीच बंगाल की खाड़ी से नया सिस्टम बन सकता है, जिससे पूर्वी और दक्षिण पूर्वी मप्र के जिलों में दोबारा बारिश हो सकती है। इन में बालाघाट, मंडला, सिवनी, डिंडोरी, छिंदवाड़ा सहित आसपस के इलाकों में बारिश का दौर लौट सकता है। कुल मिलाकर नवरात्रि के दौरान यहां बारिश होती रहेगी। जबकि भोपाल, उज्जैन, इंदौर, ग्वालियर, चंबल में बारिश की संभावना बहुत ही कम है और यहां मौसम शुष्क रहेगा। हालांकि पूर्वी एमपी के रीवा, शहडोल, जबलपुर संभागों में हल्की और मध्यम बारिश का दौर देखने को मिल सकता है।
रविवार को कई जिलों में रहा बारिश का जोर
मौसम विभाग के बुलेटिन के अनुसार रविवार को एमपी के कुछ जिलों में बारिश का जोरदार असर रहा। इसमें राजधानी भोपाल में दोपहर बाद आंधी, हवाओं के साथ बारिश दर्ज की गई तो नरसिंहपुर, नर्मदापुर, मंडला और उज्जैन में भी बारिश हुई है। सागर संभाग के कई इलाकों में शाम को बारिश हुई है। एमपी के नागदा में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज हुई है। यहां 82 एमएम अर्थात 3.25 इंच के आसपास बारिश दर्ज की गई है। वहीं निवाली में 3 इंच से अधिक, गौहरगंज और तिरला में पौने तीन इंच बारिश दर्ज हुई है। करीब 33 स्थानों पर एक इंच से ज्यादा बारिश दर्ज हुई है।
सीजन में बारिश की अब तक की स्थिति
एमपी में मानसून सीजन में 1 जून से 21 सितंबर तक औसत से अधिक बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग द्वारा दी गई जानकारी अनुसार प्रदेश में औसत से 21 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है। यदि प्रदेश के अलग—अलग हिस्सों की बात करें तो उसमें पूर्वी मप्र में औसत से 16 प्रतिशत अधिक, पश्चिमी मध्य प्रदेश में औसत से 24 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज हुई है।
सोमवार को MP में यहां यलो अलर्ट
प्रदेश के बैतूल हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, धार में भारी बारिश का यलो अलर्ट दिया गया है। इसके अलावा करीब दो दर्जन से अधिक जिलों में कहीं हल्की तो कहीं तेज बारिश की संभावना जताई गई है।
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