अश्वनी शर्मा, नई दिल्लीः शारदा इंस्टिट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट एंड रिसर्च (SRISIIM) में हुए कथित यौन उत्पीड़न के मामले में गिरफ्तार स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी पुलिस को गुमराह करने के लिए बार-बार अपनी लोकेशन बदल रहा था। डीसीपी अमित गोयल के मुताबिक, आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की कई टीमें यूपी, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश से लेकर वेस्ट बंगाल तक छापेमारी करती रहीं। आखिरी लोकेशन यूपी के आगरा में मिलने पर पुलिस ने वहां दो टीमों को रोके रखा।
कोर्ट में पेश कर पांच दिन की रिमांड पर लिया गयारविवार तड़के तकनीकी मदद से पुलिस को पता चला कि आरोपी ताजगंज स्थित एक होटल में ठहरा हुआ है। करीब 3.30 बजे पुलिस टीम ने होटल द फर्स्ट में छापा मारा। होटल कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि आरोपी कमरा नंबर 101 में ठहरा है। पुलिस ने कमरे में जाकर आरोपी को सोते हुए पकड़ा और दिल्ली ले आई। पूछताछ के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश कर पांच दिन की रिमांड पर लिया गया।
नाम बदलकर बुक किया था कमरापुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपी ने कमरा स्वामी पार्थ सारथी के नाम से बुक कराया था। होटल रजिस्टर में भी यही एंट्री मिली। जांच में सामने आया कि आरोपी शनिवार शाम चार बजे होटल पहुंचा था और उसके बाद कमरे से बाहर नहीं निकला। सीसीटीवी फुटेज में उसके आने की तस्वीरें मिली। रात को उसने खाना भी कमरे में ही मंगवाया। होटल कर्मचारियों ने पूछताछ में बताया कि उन्हें पार्थ सारथी के कारनामों की जानकारी नहीं थी।
संत के कपड़ों में पहुंचा था आरोपीपुलिस सूत्रों के मुताबिक, होटल कर्मचारियों ने बताया कि आरोपी शनिवार को संत के कपड़ों में आया था। उसने आईडी कार्ड और एडवांस पैसे भी दिए थे, जिससे शक नहीं हुआ। कर्मचारियों ने बताया कि आरोपी बड़ी गाड़ी से आया था और गाड़ी उसे छोड़कर चली गई थी। अब पुलिस उस गाड़ी की भी तलाश कर रही है।
मथुरा और वृंदावन के होटलों में भीचार अगस्त को केस दर्ज होने के वक्त आरोपी विदेश में था। भारत आने पर घटना का पता चलते ही वह सीधे मथुरा पहुंचा और दो महीने तक मथुरा और वृंदावन के अलग-अलग होटलों में छिपता रहा। इस दौरान उसने तीन अलग-अलग मोबाइल फोन इस्तेमाल किए। वह थोड़ी देर के लिए ही फोन ऑन करता था। दो महीने की फरारी में उसने करीब 13 से 15 होटल बदले और ज्यादातर समय कमरे में ही बंद रहा। सूत्रों के मुताबिक, वह लगातार खबरों के जरिए घटनाक्रम पर नजर रख रहा था।
तीन फोन और आई पैड की होगी जांचगिरफ्तारी के दौरान आरोपी से दो फर्जी आईडी कार्ड, तीन फोन और एक आई पैड बरामद हुआ। इनमें एक आईफोन भी है। पुलिस के अनुसार, आरोपी के पास से मिला पहला विजिटिंग कार्ड यूनाइटेड नेशंस का है, जिसमें वह खुद को परमानेंट एंबेसडर बताता था। दूसरा कार्ड ब्रिक्स देशों के जॉइंट कमिशन का है, जिसमें वह खुद को इंडिया का स्पेशल एनवॉय बताता था। दोनों कार्ड फर्जी पाए गए।
40 करोड़ का घपलासूत्रों के अनुसार, 1995-96 में वसंत कुंज स्थित शारदा पीठ को यह प्लॉट आवंटित किया गया था। आरोपी को मठ का अटॉर्नी बनाकर कुछ काम सौंपे गए थे। आरोप है कि 2008 में उसने बिना अनुमति के कुछ लोगों के साथ मिलकर इंस्टिट्यूट का नाम बदल दिया और इसका नाम श्री शारदा इंस्टिट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट रख दिया। फर्जी दस्तावेजों से 40 करोड़ का घपला कर मठ की प्रॉपर्टी को बिना परमिशन किराए पर दे दिया।
गवाहों को धमकाने वाला आरोपी गिरफ्तारसाउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने हत्या के मामले में गवाहों को धमकाने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान जय प्रकाश उर्फ लोली के रूप में हुई है। डीसीपी हेमंत तिवारी के अनुसार एसटीएफ को सूचना मिली थी कि जय प्रकाश उर्फ लोली ओखला इंडस्ट्रियल एरिया थाने में दर्ज हत्या के गवाहों को धमकाने के मामले में वांछित है।
कोर्ट में पेश कर पांच दिन की रिमांड पर लिया गयारविवार तड़के तकनीकी मदद से पुलिस को पता चला कि आरोपी ताजगंज स्थित एक होटल में ठहरा हुआ है। करीब 3.30 बजे पुलिस टीम ने होटल द फर्स्ट में छापा मारा। होटल कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि आरोपी कमरा नंबर 101 में ठहरा है। पुलिस ने कमरे में जाकर आरोपी को सोते हुए पकड़ा और दिल्ली ले आई। पूछताछ के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश कर पांच दिन की रिमांड पर लिया गया।
नाम बदलकर बुक किया था कमरापुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपी ने कमरा स्वामी पार्थ सारथी के नाम से बुक कराया था। होटल रजिस्टर में भी यही एंट्री मिली। जांच में सामने आया कि आरोपी शनिवार शाम चार बजे होटल पहुंचा था और उसके बाद कमरे से बाहर नहीं निकला। सीसीटीवी फुटेज में उसके आने की तस्वीरें मिली। रात को उसने खाना भी कमरे में ही मंगवाया। होटल कर्मचारियों ने पूछताछ में बताया कि उन्हें पार्थ सारथी के कारनामों की जानकारी नहीं थी।
संत के कपड़ों में पहुंचा था आरोपीपुलिस सूत्रों के मुताबिक, होटल कर्मचारियों ने बताया कि आरोपी शनिवार को संत के कपड़ों में आया था। उसने आईडी कार्ड और एडवांस पैसे भी दिए थे, जिससे शक नहीं हुआ। कर्मचारियों ने बताया कि आरोपी बड़ी गाड़ी से आया था और गाड़ी उसे छोड़कर चली गई थी। अब पुलिस उस गाड़ी की भी तलाश कर रही है।
मथुरा और वृंदावन के होटलों में भीचार अगस्त को केस दर्ज होने के वक्त आरोपी विदेश में था। भारत आने पर घटना का पता चलते ही वह सीधे मथुरा पहुंचा और दो महीने तक मथुरा और वृंदावन के अलग-अलग होटलों में छिपता रहा। इस दौरान उसने तीन अलग-अलग मोबाइल फोन इस्तेमाल किए। वह थोड़ी देर के लिए ही फोन ऑन करता था। दो महीने की फरारी में उसने करीब 13 से 15 होटल बदले और ज्यादातर समय कमरे में ही बंद रहा। सूत्रों के मुताबिक, वह लगातार खबरों के जरिए घटनाक्रम पर नजर रख रहा था।
तीन फोन और आई पैड की होगी जांचगिरफ्तारी के दौरान आरोपी से दो फर्जी आईडी कार्ड, तीन फोन और एक आई पैड बरामद हुआ। इनमें एक आईफोन भी है। पुलिस के अनुसार, आरोपी के पास से मिला पहला विजिटिंग कार्ड यूनाइटेड नेशंस का है, जिसमें वह खुद को परमानेंट एंबेसडर बताता था। दूसरा कार्ड ब्रिक्स देशों के जॉइंट कमिशन का है, जिसमें वह खुद को इंडिया का स्पेशल एनवॉय बताता था। दोनों कार्ड फर्जी पाए गए।
40 करोड़ का घपलासूत्रों के अनुसार, 1995-96 में वसंत कुंज स्थित शारदा पीठ को यह प्लॉट आवंटित किया गया था। आरोपी को मठ का अटॉर्नी बनाकर कुछ काम सौंपे गए थे। आरोप है कि 2008 में उसने बिना अनुमति के कुछ लोगों के साथ मिलकर इंस्टिट्यूट का नाम बदल दिया और इसका नाम श्री शारदा इंस्टिट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट रख दिया। फर्जी दस्तावेजों से 40 करोड़ का घपला कर मठ की प्रॉपर्टी को बिना परमिशन किराए पर दे दिया।
गवाहों को धमकाने वाला आरोपी गिरफ्तारसाउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने हत्या के मामले में गवाहों को धमकाने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान जय प्रकाश उर्फ लोली के रूप में हुई है। डीसीपी हेमंत तिवारी के अनुसार एसटीएफ को सूचना मिली थी कि जय प्रकाश उर्फ लोली ओखला इंडस्ट्रियल एरिया थाने में दर्ज हत्या के गवाहों को धमकाने के मामले में वांछित है।
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