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कानपुर सीएमओ विवाद के बाद अब नया बखेड़ा, होम्योपैथी निदेशालय में उलझे दो निदेशक

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लखनऊ: कानपुर में दो CMO का विवाद अभी थमा भी नहीं है कि अब होम्योपैथी निदेशालय में दो निदेशकों का विवाद शुरू हो गया है। इंदिरा भवन स्थित निदेशालय में सोमवार सुबह शासन का आदेश लेकर डॉ. पीके सिंह चार्ज लेने पहुंच गए। चार्ज लेने के बाद वह शासन की एक बैठक में चले गए। इसके बाद दिन में पूर्व निदेशक डॉ. अरविंद वर्मा हाई कोर्ट से निलंबन पर स्टे ऑर्डर का दावा करते हुए दोबारा निदेशक का चार्ज लेने पहुंच गए।



डॉ. वर्मा ने करीब आधे घंटे तक डॉ. सिंह का इंतजार किया और फिर स्टाफ से मिलकर लौट गए। उनके जाने के बाद डॉ. सिंह निदेशालय पहुंचे और

फाइलों का निस्तारण किया। इसको लेकर निदेशालय में अफरातफरी का माहौल रहा। हालांकि, इस हालात पर शासन स्तर पर कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।



क्या है मामला

आयुष विभाग के प्रमुख सचिव रंजन कुमार ने 17 जुलाई को डॉ. अरविंद वर्मा को होम्योपैथी निदेशक पद से निलंबित कर दिया था। उन पर तबादलों में गड़बड़ी के आरोप थे। इस आदेश के खिलाफ डॉ. वर्मा ने 25 जुलाई को हाई कोर्ट में अपील कर दावा किया था कि तबादलों में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है।



डॉ. वर्मा के मुताबिक हाई कोर्ट ने निलंबन का आदेश निरस्त कर दिया। स्टैंडिंग काउंसिल की तरफ से प्रमुख सचिव और महानिदेशक को भेजे गए पत्र में इसका जिक्र किया गया है। पत्र में डॉ. वर्मा के खिलाफ डिसिप्लनरी ऐक्शन जारी रखने की बात भी लिखी है।

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