पटना: जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने मोकामा में दुलारचंद यादव की हत्या की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इस घटना के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है और इसे राज्य में कानून व्यवस्था की विफलता बताया है। प्रशांत किशोर ने कहा कि ऐसी घटनाएं बिहार में लंबे समय से चले आ रहे 'जंगल राज' की ओर इशारा करती हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दुलारचंद यादव जन सुराज के आधिकारिक कार्यकर्ता नहीं थे, बल्कि मोकामा से जन सुराज के उम्मीदवार प्रियदर्शी पियूष का समर्थन कर रहे थे।   
   
प्रशांत किशोर ने कहा, "वे (दुलारचंद यादव) जन सुराज के आधिकारिक सदस्य नहीं हैं। वे पियूष जी, जो जन सुराज के आधिकारिक उम्मीदवार हैं, का समर्थन कर रहे थे। यह वही 'जंगल-राज' दिखाता है जिसके बारे में लोग हमेशा बात करते आए हैं। लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। किसी की हत्या की जिम्मेदारी प्रशासन और कानून व्यवस्था के जिम्मेदार लोगों की है, और यह उनकी विफलता है।" उन्होंने लोगों से ऐसे उम्मीदवार चुनने की अपील की जिनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड न हो। प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज ने जनता को यह विकल्प दिया है।
     
जनता साफ-सुथरे लोगों को चुनेजन सुराज पार्टी के संस्थापक ने कहा, "बाहुबली चाहे किसी भी जाति, समुदाय, गांव या विचारधारा का हो, जो गलत है वह गलत है। मैंने पहले भी कहा है कि बाहुबली अच्छे लोगों से लड़ने से डरते हैं। इसलिए जन सुराज ने जनता को यह विकल्प दिया है। यह सिर्फ मोकामा में नहीं, बल्कि बिहार के कई अन्य इलाकों में भी है। अब यह बिहार की जनता पर निर्भर करता है कि वे साफ-सुथरे लोगों को चुनें या उन्हीं पुराने भ्रष्ट, बाहुबलियों को।"
     
जन सुराज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने मोकामा हत्याकांड पर कहा, "केवल जनसुराज के उम्मीदवारों के साथ ही बहुत सारी घटनाएं हो रही हैं। जब नामांकन का समय था तो उस समय हमारे बहुत सारे उम्मीदवारों को अगवा कर लिया गया और उन्हें नामांकन नहीं भरने दिया गया। नामांकन के बाद हमारे उम्मीदवारों पर नामांकन वापस लेने का दबाव बनाया गया। अब जब सारे उम्मीदवार मैदान में आ चुके हैं तब ऐसे हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। हमारे उम्मीदवारों और उम्मीदवारों के समर्थकों को डराया-धमकाया जा रहा है और उनकी हत्या व हिंसक कार्रवाई भी की जा रही है।
   
यह सरकार चंद सप्ताह कीभारती ने कहा कि, जिनकी हत्या हुई है वे आधिकारिक तौर पर हमारे कार्यकर्ता नहीं थे लेकिन हमारे आधिकारिक उम्मीदवार के करीबी थे। इस हत्या के जरिए समाज में ये बात बताई जा रही है कि बाहुबली भी एक कारक है। जो लोग नाराजगी जता रहे हैं, हम उन्हें भरोसा दिलाते हैं कि उनकी बातें सुनी जाएगी। ये सरकार चंद सप्ताह की है। इस सरकार के जाते ही उनके साथ न्याय किया जाएगा जिसके वे हकदार हैं।"
   
पुलिस के अनुसार, गुरुवार को बिहार के मोकामा में चुनाव प्रचार के दौरान दो समूहों के बीच झड़प के बाद दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक दुलारचंद यादव उस समय काफिले में थे जब यह घटना हुई। उप मंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) अभिषेक सिंह के अनुसार, फायरिंग तब शुरू हुई जब दो पक्षों के काफिले एक-दूसरे के सामने आए और कहासुनी हुई।
   
'बाहुबलियों' का गढ़ है मोकामाअभिषेक सिंह ने संवाददाताओं से कहा, "पुलिस को सूचना मिली कि दो पक्षों के काफिले एक-दूसरे को क्रास कर रहे थे तभी एक पक्ष ने किसी मुद्दे पर दूसरे पर गोली चला दी और उन्हें कुचलने की कोशिश भी की।" पुलिस ने कहा कि मामले की उचित जांच की जाएगी और कार्रवाई की जाएगी।
   
मोकामा बिहार की राजनीति में प्रभावशाली और अक्सर विवादास्पद 'बाहुबलियों' का गढ़ माना जाता है। इनमें सबसे प्रमुख अनंत कुमार सिंह, उनके भाई दिलीप सिंह और सूरजभान सिंह हैं। इस साल पटना जिले के मोकामा विधानसभा क्षेत्र में चुनावी लड़ाई दो बाहुबलियों अनंत सिंह और सूरजभान सिंह के इर्द-गिर्द केंद्रित है, जो इस क्षेत्र के राजनीतिक परिदृश्य पर हावी हैं।
   
मोकामा में दो बाहुबलियों का मुकाबला
मोकामा में 6 नवंबर को पहले चरण में मतदान होगा। यह क्षेत्र एक बार फिर हाई-वोल्टेज चुनावी मुकाबले का गवाह बनने के लिए तैयार है। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने बाहुबली अनंत सिंह को मैदान में उतारा है, जबकि राष्ट्रीय जनता दल ने पूर्व सांसद और प्रभावशाली नेता सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी को उम्मीदवार बनाया है। दोनों उम्मीदवार भूमिहार समुदाय से आते हैं, जिससे बिहार के सबसे अस्थिर लेकिन राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्रों में से एक में राजनीतिक विरासतों का सीधा टकराव तय है।
  
प्रशांत किशोर ने कहा, "वे (दुलारचंद यादव) जन सुराज के आधिकारिक सदस्य नहीं हैं। वे पियूष जी, जो जन सुराज के आधिकारिक उम्मीदवार हैं, का समर्थन कर रहे थे। यह वही 'जंगल-राज' दिखाता है जिसके बारे में लोग हमेशा बात करते आए हैं। लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। किसी की हत्या की जिम्मेदारी प्रशासन और कानून व्यवस्था के जिम्मेदार लोगों की है, और यह उनकी विफलता है।" उन्होंने लोगों से ऐसे उम्मीदवार चुनने की अपील की जिनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड न हो। प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज ने जनता को यह विकल्प दिया है।
जनता साफ-सुथरे लोगों को चुनेजन सुराज पार्टी के संस्थापक ने कहा, "बाहुबली चाहे किसी भी जाति, समुदाय, गांव या विचारधारा का हो, जो गलत है वह गलत है। मैंने पहले भी कहा है कि बाहुबली अच्छे लोगों से लड़ने से डरते हैं। इसलिए जन सुराज ने जनता को यह विकल्प दिया है। यह सिर्फ मोकामा में नहीं, बल्कि बिहार के कई अन्य इलाकों में भी है। अब यह बिहार की जनता पर निर्भर करता है कि वे साफ-सुथरे लोगों को चुनें या उन्हीं पुराने भ्रष्ट, बाहुबलियों को।"
जन सुराज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने मोकामा हत्याकांड पर कहा, "केवल जनसुराज के उम्मीदवारों के साथ ही बहुत सारी घटनाएं हो रही हैं। जब नामांकन का समय था तो उस समय हमारे बहुत सारे उम्मीदवारों को अगवा कर लिया गया और उन्हें नामांकन नहीं भरने दिया गया। नामांकन के बाद हमारे उम्मीदवारों पर नामांकन वापस लेने का दबाव बनाया गया। अब जब सारे उम्मीदवार मैदान में आ चुके हैं तब ऐसे हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। हमारे उम्मीदवारों और उम्मीदवारों के समर्थकों को डराया-धमकाया जा रहा है और उनकी हत्या व हिंसक कार्रवाई भी की जा रही है।
यह सरकार चंद सप्ताह कीभारती ने कहा कि, जिनकी हत्या हुई है वे आधिकारिक तौर पर हमारे कार्यकर्ता नहीं थे लेकिन हमारे आधिकारिक उम्मीदवार के करीबी थे। इस हत्या के जरिए समाज में ये बात बताई जा रही है कि बाहुबली भी एक कारक है। जो लोग नाराजगी जता रहे हैं, हम उन्हें भरोसा दिलाते हैं कि उनकी बातें सुनी जाएगी। ये सरकार चंद सप्ताह की है। इस सरकार के जाते ही उनके साथ न्याय किया जाएगा जिसके वे हकदार हैं।"
पुलिस के अनुसार, गुरुवार को बिहार के मोकामा में चुनाव प्रचार के दौरान दो समूहों के बीच झड़प के बाद दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक दुलारचंद यादव उस समय काफिले में थे जब यह घटना हुई। उप मंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) अभिषेक सिंह के अनुसार, फायरिंग तब शुरू हुई जब दो पक्षों के काफिले एक-दूसरे के सामने आए और कहासुनी हुई।
'बाहुबलियों' का गढ़ है मोकामाअभिषेक सिंह ने संवाददाताओं से कहा, "पुलिस को सूचना मिली कि दो पक्षों के काफिले एक-दूसरे को क्रास कर रहे थे तभी एक पक्ष ने किसी मुद्दे पर दूसरे पर गोली चला दी और उन्हें कुचलने की कोशिश भी की।" पुलिस ने कहा कि मामले की उचित जांच की जाएगी और कार्रवाई की जाएगी।
मोकामा बिहार की राजनीति में प्रभावशाली और अक्सर विवादास्पद 'बाहुबलियों' का गढ़ माना जाता है। इनमें सबसे प्रमुख अनंत कुमार सिंह, उनके भाई दिलीप सिंह और सूरजभान सिंह हैं। इस साल पटना जिले के मोकामा विधानसभा क्षेत्र में चुनावी लड़ाई दो बाहुबलियों अनंत सिंह और सूरजभान सिंह के इर्द-गिर्द केंद्रित है, जो इस क्षेत्र के राजनीतिक परिदृश्य पर हावी हैं।
मोकामा में दो बाहुबलियों का मुकाबला
मोकामा में 6 नवंबर को पहले चरण में मतदान होगा। यह क्षेत्र एक बार फिर हाई-वोल्टेज चुनावी मुकाबले का गवाह बनने के लिए तैयार है। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने बाहुबली अनंत सिंह को मैदान में उतारा है, जबकि राष्ट्रीय जनता दल ने पूर्व सांसद और प्रभावशाली नेता सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी को उम्मीदवार बनाया है। दोनों उम्मीदवार भूमिहार समुदाय से आते हैं, जिससे बिहार के सबसे अस्थिर लेकिन राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्रों में से एक में राजनीतिक विरासतों का सीधा टकराव तय है।
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