जंगल के बीच से गुजरती ट्रेन से टकराकर हाथियों के हादसे की खबरें अक्सर ही हमें परेशान करती रहती हैं। मगर उत्तर बंगाल में कुछ ऐसा हुआ, जिसने सभी का दिल जीत लिया है। पायलट की सूझबूझ से एक बड़ा हादसा टल गया। एक हाथी रास्ता भटक कर ट्रैक पर आ गया और वह अपनी ओर तेजी से बढ़ रही ट्रेन की तरफ दौड़ने लगा लेकिन ट्रेन चला रहे पायलट ने समझदारी दिखाते हुए यात्रियों के साथ युवा गजराज को भी बचा लिया।
पायलट के इस फैसले की काफी सराहना हो रही है। भारतीय वन अधिकारी प्रवीण कस्वां ने भी वीडियो साझा करते हुए उनकी काफी तारीफ की है। वीडियो में दिख रहा ह कि कैसे एक हाथी तेजी से ट्रैक पर दौड़ता हुआ आ रहा है। ट्रेन देखकर परेशान हाथी जोर-जोर से आवाज भी करने लगता है। लेकिन ट्रेन चालक ने शांत दिमाग से काम लिया और ब्रेक लगा दिए। इससे हाथी में बौखलाहट नहीं हुई और वह आराम से पटरी को छोड़कर जंगल की ओर निकल गया। IFS अधिकारी ने रेलवे स्टाफ की समझदारी की तारीफ की। उन्होंने कहा, 'LP श्री एस. टोप्पो और ALP श्री एस. हलदर को सलाम। उन्होंने समय पर ब्रेक लगाकर हाथी को बचाया।' भले ही यह घटना कुछ ही सेकंड की थी, लेकिन इसका असर खासतौर से बड़ा है क्योंकि हाल ही में हाथियों की मौत के आंकड़े चिंता जताने वाले हैं।
पांच साल में 528 हाथियों की मौत इंसानों के साथ संघर्ष, रेलवे ट्रैक पर ट्रेन से टकराने या करंट लगने जैसी घटनाओं की वजह से लगातार हाथियों की मौत हो रही है। पिछले साल जुलाई तक के आंकड़ों की बात करें तो पांच साल में 528 हाथियों की मौत हो गई। यह जानकारी खुद सरकार की ओर से संसद में दी गई। हाथियों की 60 फीसदी आबादी भारत में ही रहती है और लगातार जंगल कटने से हाथियों और इंसानों के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है।
पिछले 5 साल में जो 528 हाथियों की मौत हुई है, उनमें से 73 की मौत तो ट्रेन एक्सीडेंट में हुई है। इसके अलावा 392 हाथियों की जान करंट लगने की वजह से चली गई। यही नहीं शिकारियों ने 50 हाथियों की जान ली तो 13 मामले ऐसे सामने आए, जब हाथी को जहर दिया गया हो। राज्यों की बात करें तो सबसे ज्यादा हाथियों की मौत ओडिशा में हुई, जहां 71 हाथियों ने अपनी जान गंवाई। इसके बाद असम (55), कर्नाटक (52), तमिलनाडु (49), छत्तीसगढ़ (32), झारखंड (30) और केरल (29) का नंबर आता है।
इन राज्यों में ट्रेन हादसे ट्रेन हादसे में हाथियों की जान जाने की बात करें तो असम में यह समस्या सबसे ज्यादा है। पांच साल में असम में ट्रेन एक्सीडेंट में 24 हाथी मारे गए। ओडिशा में 16 और पश्चिम बंगाल में 10 हाथियों की मौत ट्रेन से टकराने की वजह से हुई।
पायलट के इस फैसले की काफी सराहना हो रही है। भारतीय वन अधिकारी प्रवीण कस्वां ने भी वीडियो साझा करते हुए उनकी काफी तारीफ की है। वीडियो में दिख रहा ह कि कैसे एक हाथी तेजी से ट्रैक पर दौड़ता हुआ आ रहा है। ट्रेन देखकर परेशान हाथी जोर-जोर से आवाज भी करने लगता है। लेकिन ट्रेन चालक ने शांत दिमाग से काम लिया और ब्रेक लगा दिए। इससे हाथी में बौखलाहट नहीं हुई और वह आराम से पटरी को छोड़कर जंगल की ओर निकल गया। IFS अधिकारी ने रेलवे स्टाफ की समझदारी की तारीफ की। उन्होंने कहा, 'LP श्री एस. टोप्पो और ALP श्री एस. हलदर को सलाम। उन्होंने समय पर ब्रेक लगाकर हाथी को बचाया।' भले ही यह घटना कुछ ही सेकंड की थी, लेकिन इसका असर खासतौर से बड़ा है क्योंकि हाल ही में हाथियों की मौत के आंकड़े चिंता जताने वाले हैं।
LP Shri S. Toppo and ALP Shri S. Haldar deserves a salute. For they timely applied break and saved this giant. On Wednesday, somewhere in North Bengal. pic.twitter.com/cf7AJ0V1AX
— Parveen Kaswan, IFS (@ParveenKaswan) August 22, 2025
पांच साल में 528 हाथियों की मौत इंसानों के साथ संघर्ष, रेलवे ट्रैक पर ट्रेन से टकराने या करंट लगने जैसी घटनाओं की वजह से लगातार हाथियों की मौत हो रही है। पिछले साल जुलाई तक के आंकड़ों की बात करें तो पांच साल में 528 हाथियों की मौत हो गई। यह जानकारी खुद सरकार की ओर से संसद में दी गई। हाथियों की 60 फीसदी आबादी भारत में ही रहती है और लगातार जंगल कटने से हाथियों और इंसानों के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है।
पिछले 5 साल में जो 528 हाथियों की मौत हुई है, उनमें से 73 की मौत तो ट्रेन एक्सीडेंट में हुई है। इसके अलावा 392 हाथियों की जान करंट लगने की वजह से चली गई। यही नहीं शिकारियों ने 50 हाथियों की जान ली तो 13 मामले ऐसे सामने आए, जब हाथी को जहर दिया गया हो। राज्यों की बात करें तो सबसे ज्यादा हाथियों की मौत ओडिशा में हुई, जहां 71 हाथियों ने अपनी जान गंवाई। इसके बाद असम (55), कर्नाटक (52), तमिलनाडु (49), छत्तीसगढ़ (32), झारखंड (30) और केरल (29) का नंबर आता है।
इन राज्यों में ट्रेन हादसे ट्रेन हादसे में हाथियों की जान जाने की बात करें तो असम में यह समस्या सबसे ज्यादा है। पांच साल में असम में ट्रेन एक्सीडेंट में 24 हाथी मारे गए। ओडिशा में 16 और पश्चिम बंगाल में 10 हाथियों की मौत ट्रेन से टकराने की वजह से हुई।
You may also like
खेलों के रंग में रंगा इंजीनियरिंग कॉलेज बीकानेर, 400 से अधिक विद्यार्थियों की सहभागिता
निजी क्षेत्र में सेना की पत्नियों और बच्चों के लिए भर्ती अभियान
ऊर्जा मंत्री के प्रोग्राम में बिजली कटने में निलम्बित जेई की बहाली पर पुनर्विचार करने का निर्देश
बिहार : एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन का तीसरा चरण तीन सितंबर से, 42 विधानसभा में होगा आयोजित
निक्की भाटी हत्याकांड : राज्य महिला आयोग ने मांगी रिपोर्ट, दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग