ऐसे हुई शुरुआत
साल 2013 में ग्रेजुएशन करने के बाद शिवम त्यागी ने अपने पिता की सलाह पर एक दवा कंपनी के गोदाम में काम करना शुरू किया। वहां उन्हें फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री के बारे में प्रैक्टिकल जानकारी मिली। उन्होंने डिस्ट्रीब्यूशन के काम को भी संभाला। सात साल नौकरी करने के बाद 1 जुलाई 2020 को शिवम ने फायटिका हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स की शुरुआत की। यह वह दौर था जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही थी। उन्होंने देखा कि लोग अपनी कमजोर होती इम्युनिटी को लेकर चिंतित हैं। बाजार में उपलब्ध प्रोडक्ट पूरी तरह से प्रभावी नहीं हैं। इसी समस्या को उन्होंने एक मौके में बदला। उन्होंने आयुर्वेद की पारंपरिक जड़ी-बूटियों और आधुनिक न्यूट्रास्युटिकल साइंस को मिलाकर 'आयुर्सेयुटिकल्स' नाम के नए तरह के प्रोडक्ट बनाने का फैसला किया। कंपनी का नाम 'फायटिका' ग्रीक शब्द से आया है। इसका अर्थ है - प्राकृतिक जड़ी-बूटियां। इस अनूठे नजरिये के साथ उन्होंने एक ऐसी कंपनी खड़ी की, जिसका पिछले साल का कारोबार 15 करोड़ रुपये था।
इन चीजों पर किया फोकस
शिवम त्यागी ने 2008 और 2010 में ईस्ट दिल्ली के एक स्कूल से 10वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने 2013 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ कॉमर्स की डिग्री हासिल की। फायटिका को सफल बनाने के लिए शिवम ने कुछ खास बातों पर ध्यान दिया। इनमें प्रोडक्ट की क्वालिटी और मेकिंग, नियमों का पालन, ब्रांडिंग और पैकेजिंग और डीप मार्केट रिसर्च शामिल थे। वह यह सुनिश्चित करते हैं कि उनके प्रोडक्ट केवल जीएमपी (गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस) प्रमाणित मैन्युफैक्चरर्स ही बनाएं। उनमें इस्तेमाल होने वाले सभी तत्व प्रभावी और सही मात्रा में हों। उन्होंने FSSAI के नियमों का पालन करने पर भी जोर दिया। इसके साथ ही, शिवम ने अपने प्रोडक्ट को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर अलग पहचान देने के लिए आकर्षक पैकेजिंग और प्रभावी मार्केटिंग रणनीति अपनाई। उनका मानना है कि बाजार में अपनी जगह बनाने के लिए क्वालिटी और कीमत के बीच सही संतुलन बनाना बहुत जरूरी है।
सामने आईं कई चुनौतियां

फायटिका की सफलता का सफर चुनौतियों से भरा रहा है। त्यागी को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा। साथ ही ग्राहकों को अपने उत्पादों के फायदों के बारे में शिक्षित करने में काफी मेहनत करनी पड़ी। इन चुनौतियों के बावजूद उनकी कंपनी लगातार बढ़ी। आज फायटिका के 23 से ज्यादा प्रोडक्ट बाजार में उपलब्ध हैं। इनमें Vita 365 और Fit Liver सबसे ज्यादा बिकते हैं। वह अब मैग्नीशियम जैसे नए प्रोडक्ट और डायबिटीज तथा कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने वाले जूस की रेंज भी बढ़ाना चाहते हैं। शिवम त्यागी ग्राहकों को बनाए रखने और लॉजिस्टिक्स को बेहतर बनाने पर लगातार काम कर रहे हैं ताकि उनकी कंपनी की ग्रोथ जारी रहे।
छोटे भाई को भी बिजनेस से जोड़ा
शिवम त्यागी दो भाइयों में बड़े हैं। उनके छोटे भाई का नाम नितिन है। वह भी बिजनेस में को-पार्टनर हैं। शिवम त्यागी का यह सफर उन युवाओं के लिए एक प्रेरणा है जो अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं। दवा कंपनी के गोदाम में काम करने से लेकर करोड़ों के टर्नओवर वाला वेंचर खड़ा करने तक का उनका सफर लोगों के लिए मिसाल बन गया है। शिवम त्यागी ने अपनी मेहनत, लगन और दूरदर्शिता से आज एक सफल उद्यमी के रूप में पहचान बना ली है।
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