परमाणु बम बनाने के लिए क्या पढ़ाई होती है?
इस सवाल का जवाब बिल्कुल सीधा नहीं है। आमतौर पर न्यूक्लियर एनर्जी से जुड़ी फील्ड में काम करने के लिए आपको न्यूक्लियर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करनी होगी। ये इंजीनियरिंग की एक ब्रांच है, जिसमें न्यूक्लियर एनर्जी से जुड़ी चीजों पर फोकस किया जाता है। इसमें न्यूक्लियर एनर्जी और रेडिएशन का इस्तेमाल करने वाली सिस्टम और कॉम्पोनेंट्स की स्टडी, डिजाइन, डेवलपमेंट, ऑपरेशन और रखरखाव शामिल है। इस कोर्स में न्यूक्लियर बम बनाना नहीं सिखाया जाता है।हालांकि, न्यूक्लियर इंजीनियरिंग करने वाले छात्र पॉवर प्लांट्स में न्यूक्लियर फिजन के जरिए बिजली पैदा करते हैं। कुछ देश ऐसे होते हैं, जो न्यूक्लियर फिजन के जरिए बिजली पैदा करने की आड़ में बम बनाने लगते हैं। ऐसे में ये जरूर कहा जा सकता है कि अगर आपने न्यूक्लियर इंजीनियरिंग पढ़ा है, तो इस कोर्स में मिला ज्ञान बम बनाने के काम आएगा। कुछ देश अलग से अपने न्यूक्लियर इंजीनियर्स, साइंटिस्ट को बम बनाने की ट्रेनिंग देते हैं। आमतौर पर ये काम गुप्त तरीके से किया जाता है। (Google Gemini)
न्यूक्लियर इंजीनियरिंग की पढ़ाई किन-किन देशों में होती है?

दुनिया के कई सारे देशों में न्यूक्लियर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करवाई जाती है। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, जापान, चीन, स्वीडन और स्विट्जरलैंड शामिल हैं। इन देशों की यूनिवर्सिटीज में आप बैचलर्स, मास्टर्स और पीएचडी कर सकते हैं। न्यूक्लियर इंजीनियर बनने के लिए आपको सबसे पहले फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ्स जैसे सब्जेक्ट्स के साथ 12वीं करना होगा। फिर न्यूक्लियर एनर्जी में बीटेक या ग्रेजुएशन कर सकते हैं। इसी सब्जेक्ट में मास्टर्स भी किया जा सकता है। (Google Gemini)
न्यूक्लियर इंजीनियरिंग की टॉप यूनिवर्सिटीज कौन सी हैं?
न्यूक्लियर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए दुनियाभर में कई सारी टॉप यूनिवर्सिटीज मौजूद हैं। इसमें अमेरिका का मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया और यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन-एन आर्बर शामिल है। इसी तरह से ब्रिटेन के इंपीरियल कॉलेज लंदन और यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज से भी पढ़ाई की जा सकती है। जर्मनी के कार्ल्सरुहे इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और कनाडा की मैकमास्टर यूनिवर्सिटी में भी न्यूक्लियर इंजीनियरिंग की डिग्री मिलती है। (Google Gemini)
न्यूक्लियर इंजीनियर्स की सैलरी कितनी होती है?
अमेरिका में न्यूक्लियर इंजीनियर्स की औसतन सालाना सैलरी 1.09 करोड़ रुपये है। ब्रिटेन में उनकी सैलरी 59 लाख से 62 लाख रुपये सालाना है। कनाडा में भी न्यूक्लियर इंजीनियर्स की डिमांड रहती है और उनकी औसतन सालाना सैलरी 62 लाख रुपये से लेकर 84 लाख रुपये तक है। इसी तरह से जर्मनी में न्यूक्लियर इंजीनियर्स को सालाना सैलरी के तौर पर लगभग 92 लाख रुपये दिए जाते हैं। भारत में भी उनकी सैलरी 9 से 12 लाख रुपये सालाना के बीच है। (Google Gemini)
न्यूक्लियर इंजीनियर्स का काम क्या होता है?
न्यूक्लियर इंजीनियर्स कई तरह के कामों के लिए न्यूक्लियर साइंस का इस्तेमाल करते हैं। वे न्यूक्लियर पावर प्लांट्स बनाते हैं, उन्हें ओपरेट करते हैं और उनकी सुरक्षा का ध्यान रखते हैं। मेडिकल फील्ड में भी इनकी बहुत जरूरत होती है। वे रेडिएशन थेरेपी और इमेजिंग का काम देखते हैं। इनका काम न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी पर रिसर्च करना भी होता है। न्यूक्लियर सेफ्टी, सिक्योरिटी और वेस्ट मैनेजमेंट का भी इनके जिम्मे होता है। डिफेंस में भी इंजीनियर्स को रखा जाता है, जो न्यूक्लियर एनर्जी का इस्तेमाल समाज के फायदे के लिए करते हैं। (Google Gemini)
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