नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार चुनाव के बीच जातीय प्रतिनिधित्व को लेकर सवाल उठाए। राहुल गांधी ने खास तौर पर भारतीय सेना का जिक्र किया। चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश की 10 फीसदी आबादी सेना का नियंत्रित करती है। राहुल गांधी का यह बयान सियासी बवंडर बन गया है। राहुल गांधी के इस बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी ने कहा कि अब राहुल गांधी सेना में जाति खोज रहे हैं। हालांकि जाति को लेकर यह राहुल गांधी का कोई पहला बयान नहीं है लेकिन इस बार उन्होंने इसका जिक्र करने के लिए सेना का उदाहरण दिया।
राहुल गांधी के हालिया बयान पर बीजेपी नेताओं का कहना है कि यह बयान न केवल सेना का अपमान है बल्कि देश की एकता और अखंडता के भी खिलाफ है। एक ओर राहुल गांधी जहां इसको सच्चाई बता रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी इसे बिहार चुनाव में एक नया मुद्दा बना सकती है। बीजेपी प्रवक्ता सीआर केसवन ने राहुल गांधी के बयान पर कहा कि उनकी टिप्पणी बांटने वाली है। वह हमारी सेना को खुलेआम राजनीति में घसीटकर दुश्मनी और अविश्वास पैदा करना चाहते हैं।
बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि राहुल गांधी अब हमारी सेना को भी जाति के आधार पर बांटना चाहते हैं। भारतीय सेना का मूल सिद्धांत है—राष्ट्र सर्वोपरि, न कि जाति, पंथ या वर्ग। राहुल गांधी हमारी सेना से नफरत करते हैं, वह भारतीय सेना के खिलाफ हैं। बीजेपी के एक और नेता व आंध्र प्रदेश के मंत्री सत्य कुमार यादव ने भी राहुल गांधी के बयान की आलोचना की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की बयानबाजी अब तक के नए निचले स्तर पर पहुंच गई है। सेना को जातिगत राजनीति में घसीटकर उन्होंने दुनिया की सबसे पेशेवर और निष्पक्ष सेनाओं में से एक का अपमान किया है। भारतीय सैनिक जाति से नहीं, बल्कि तिरंगे के नाम पर सेवा करते हैं।
क्या बोले थे राहुल गांधी
मंगलवार बिहार के एक चुनावी सभा में राहुल गांधी का दिया गया भाषण विवादों के केंद्र में आ गया। अपनी पार्टी के बिहार अध्यक्ष के समर्थन में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि भारत की बड़ी कंपनियों, सरकारी नौकरियों और सेना में सवर्ण जातियों का दबदबा है। देश की 90% आबादी वाले दलित, पिछड़ी जातियां और अल्पसंख्यक इन महत्वपूर्ण जगहों पर पर्याप्त संख्या में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि देश की सेना पर भी इन्हीं उच्च जातियों का कंट्रोल है।
राहुल गांधी के हालिया बयान पर बीजेपी नेताओं का कहना है कि यह बयान न केवल सेना का अपमान है बल्कि देश की एकता और अखंडता के भी खिलाफ है। एक ओर राहुल गांधी जहां इसको सच्चाई बता रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी इसे बिहार चुनाव में एक नया मुद्दा बना सकती है। बीजेपी प्रवक्ता सीआर केसवन ने राहुल गांधी के बयान पर कहा कि उनकी टिप्पणी बांटने वाली है। वह हमारी सेना को खुलेआम राजनीति में घसीटकर दुश्मनी और अविश्वास पैदा करना चाहते हैं।
बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि राहुल गांधी अब हमारी सेना को भी जाति के आधार पर बांटना चाहते हैं। भारतीय सेना का मूल सिद्धांत है—राष्ट्र सर्वोपरि, न कि जाति, पंथ या वर्ग। राहुल गांधी हमारी सेना से नफरत करते हैं, वह भारतीय सेना के खिलाफ हैं। बीजेपी के एक और नेता व आंध्र प्रदेश के मंत्री सत्य कुमार यादव ने भी राहुल गांधी के बयान की आलोचना की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की बयानबाजी अब तक के नए निचले स्तर पर पहुंच गई है। सेना को जातिगत राजनीति में घसीटकर उन्होंने दुनिया की सबसे पेशेवर और निष्पक्ष सेनाओं में से एक का अपमान किया है। भारतीय सैनिक जाति से नहीं, बल्कि तिरंगे के नाम पर सेवा करते हैं।
क्या बोले थे राहुल गांधी
मंगलवार बिहार के एक चुनावी सभा में राहुल गांधी का दिया गया भाषण विवादों के केंद्र में आ गया। अपनी पार्टी के बिहार अध्यक्ष के समर्थन में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि भारत की बड़ी कंपनियों, सरकारी नौकरियों और सेना में सवर्ण जातियों का दबदबा है। देश की 90% आबादी वाले दलित, पिछड़ी जातियां और अल्पसंख्यक इन महत्वपूर्ण जगहों पर पर्याप्त संख्या में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि देश की सेना पर भी इन्हीं उच्च जातियों का कंट्रोल है।
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