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बांग्लादेश से भारत में घुसपैठ करने वालों का तैयार होगा बायोमेट्रिक डाटा, बॉर्डर पर BSF लगा रही खास स्कैनर

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नई दिल्ली: भारत-बांग्लादेश बॉर्डर की सुरक्षा करने वाली बीएसएफ इन दिनों इस बॉर्डर पर खास तरह के बायोमेट्रिक स्कैनर लगा रही है। जिसमें बांग्लादेश की तरफ से भारत में घुसपैठ करने वाले तमाम घुसपैठियों की फोटो समेत बायोमेट्रिक डिटेल लेना शुरू किया गया है। इस तरह के अभी तक 296 स्कैनर लगा दिए गए हैं। आने वाले समय में एक हजार से अधिक स्कैनर और लगाए जाएंगे।

बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस खास सिस्टम को अभी तीन महीने पहले ही लांच किया गया है। इसके अच्छे रिजल्ट आने शुरू हो गए। इससे उत्साहित होकर अभी तक भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर 296 खास बायोमेट्रिक स्कैनर लगा दिए गए हैं। अधिकतर स्कैनर पश्चिम बंगाल से साझा करने वाली बांग्लादेश सीमा पर लगाए गए हैं। जिन्हें आने वाले दिनों में त्रिपुरा, मिजोरम, मेघालय और असम बॉर्डर पर भी लगाया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि इस खास स्कैनर के बारे में सारी जानकारी तो साझा नहीं की जा सकती। लेकिन इतना जरूर बता सकता हूं कि इस स्कैनर के आने वाले समय में बड़े फायदे सामने आएंगे।

घुसपैठियों की तैयार की जा रही बायोमेट्रिक पहचान
मोटे तौर पर अभी इसमें हम बांग्लादेश की तरफ से भारत में घुसपैठ करने वाले तमाम तरह के घुसपैठियों की बायोमेट्रिक पहचान कैद कर रहे हैं। इसमें चाहे वह भारत में अशांति फैलाने की नीयत से भारत में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा है या कोई तस्कर है या भारत में अवैध रूप से बसने की फिराक वाले। इस तरह का डेटा बेस तैयार किया जा रहा है।


बॉर्डर के हर पाइंट का लेखा बनाया जा रहा है। इसमें भारत की तरफ से अवैध रूप से बांग्लादेश जाने वालों को भी रिकॉर्ड मेंटेन किया जा रहा है। जो लोग बांग्लादेश से भारत में घुसपैठ करते और भारत से बांग्लादेश जाने की कोशिश करते हुए पकड़े जा रहे हैँ। उन सभी का रिकॉर्ड इस खास स्कैनर में रखा जा रहा है।

जम्मू-कश्मीर और पंजाब बॉर्डर पर भी लगेंगे स्कैनर
इसका फायदा यह होगा कि जब भी कोई घुसपैठिया दूसरी बार पकड़ा जाएगा। उसका सारा डिजिटल रिकॉर्ड हमारे पास होगा। क्योंकि, बीएसएफ इस रिकॉर्ड को एफआरआरओ को भी साझा करेगी। इसके बाद इस तरह के खास स्कैनर को जम्मू-कश्मीर और पंजाब में भारत-पाकिस्तान समेत अन्य बॉर्डर पर भी लगाए जाने की योजना है। ताकि पकड़े जाने वाले तमाम घुसपैठियों का डिजिटल रिकॉर्ड भारत के पास रहे।
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