तिरुवंतपुरम: कांग्रेस सांसद शशि थरूर पिछले काफी समय से बीजेपी से अपनी नजदीकी को लेकर सुर्खियों में हैं। हाल ही में उन्होंने भारत रत्न और बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी की तुलना इंदिरा गांधी से करके जन्मदिन की बधाई दी थी तो कांग्रेस ने पलटवार करते हुए इस उनका निजी बयान करार दिया था। केरल से दिल्ली तक चर्चा है कि क्या वकाई में शशि थरूर केरल विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी में चले जाएंगे? इस सवाल का जवाब नए साल में मिलने की उम्मीद है क्योंकि केरल विधानसभा के चुनाव मई, 2026 में होने हैं लेकिन इससे पहले केरल में शशि थरूर का लॉयल्टी टेस्ट हो जाएगा। केरल में स्थानीय निकाय चुनावों को बिगुल बज गया है। चूंकि केरल में आगे विधानसभा चुनाव हैं ऐसे में इन चुनावों को सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है।
2009 से सांसद हैं शशि थरूर
शशि थरूर तिरुवंतपुरम से साल 2009 से लगतार सांसद हैं। अब देखना है कि प्रतिष्ठापूर्ण में तिरुवंतपुरम निगम चुनावों में वह क्या रुख अपनाते हैं। पिछली बार जब केरल में विधानसभा का उपचुनाव हुआ था तब कांग्रेस ने उनके ऑपरेशन सिंदूर के डेलीगेशन पर होने के कारण उन्हें स्टार प्रचारक नहीं बनाया था। अब चूंकि केरल की राजधानी में तिरुवंतपुरम में स्थानीय निकाय के चुनाव हैं तब थरूर पर सभी की नजरें टिकी हैं कि स्थानीय सांसद क्या कांग्रेस के लिए वोट मांगेंगे या फिर नहीं। तिरुवंतपुरम नगर निगम काफी पुरानी है। 1940 में नगर निगम का दर्जा मिकला था। पिछले चुनावों में यहां पर एलडीएफ ने बड़ी जीत दर्ज की थी। सीपीआई एम की आर्य राजेंद्रन मेयर बनी थी। सीपीआई के पीके राजू डिप्टी मेयर बने थे। कुल 100 सीटों में एलडीएफ को 52 और बाकी विपक्ष को 48 सीटें मिली थीं। इसमें बीजेपी को अप्रत्याशित तौर पर 35 सीटें मिली थीं जबकि यूडीएफ 10 और अन्य को तीन सीटें मिली थीं।
दो चरणों में है निकाय चुनाव
केरल स्थानीय निकाय चुनावों में सीपीएम और कांग्रेस के लिए परीक्षा होगी।2020 स्थानीय निकाय चुनाव में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चे ने स्थानीय निकाय चुनावों में व्यापक बढ़त हासिल की थी, उसके बाद अगले साल विधानसभा चुनावों में भी शानदार जीत हासिल की थी। केरल में स्थानीय निकाय चुनाव 9 और 11 दिसंबर को दो चरणों में होंगे। नतीजे 13 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। 2020 के चुनावों में एलडीएफ ने छह नगर निगमों में से पांच पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) एक ही जीत पाया था। 86 नगर पालिकाओं में से यूडीएफ ने 45 और वाम दलों ने 35 पर जीत हासिल की। भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने दो पर जीत हासिल की थी।
2009 से सांसद हैं शशि थरूर
शशि थरूर तिरुवंतपुरम से साल 2009 से लगतार सांसद हैं। अब देखना है कि प्रतिष्ठापूर्ण में तिरुवंतपुरम निगम चुनावों में वह क्या रुख अपनाते हैं। पिछली बार जब केरल में विधानसभा का उपचुनाव हुआ था तब कांग्रेस ने उनके ऑपरेशन सिंदूर के डेलीगेशन पर होने के कारण उन्हें स्टार प्रचारक नहीं बनाया था। अब चूंकि केरल की राजधानी में तिरुवंतपुरम में स्थानीय निकाय के चुनाव हैं तब थरूर पर सभी की नजरें टिकी हैं कि स्थानीय सांसद क्या कांग्रेस के लिए वोट मांगेंगे या फिर नहीं। तिरुवंतपुरम नगर निगम काफी पुरानी है। 1940 में नगर निगम का दर्जा मिकला था। पिछले चुनावों में यहां पर एलडीएफ ने बड़ी जीत दर्ज की थी। सीपीआई एम की आर्य राजेंद्रन मेयर बनी थी। सीपीआई के पीके राजू डिप्टी मेयर बने थे। कुल 100 सीटों में एलडीएफ को 52 और बाकी विपक्ष को 48 सीटें मिली थीं। इसमें बीजेपी को अप्रत्याशित तौर पर 35 सीटें मिली थीं जबकि यूडीएफ 10 और अन्य को तीन सीटें मिली थीं।
दो चरणों में है निकाय चुनाव
केरल स्थानीय निकाय चुनावों में सीपीएम और कांग्रेस के लिए परीक्षा होगी।2020 स्थानीय निकाय चुनाव में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चे ने स्थानीय निकाय चुनावों में व्यापक बढ़त हासिल की थी, उसके बाद अगले साल विधानसभा चुनावों में भी शानदार जीत हासिल की थी। केरल में स्थानीय निकाय चुनाव 9 और 11 दिसंबर को दो चरणों में होंगे। नतीजे 13 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। 2020 के चुनावों में एलडीएफ ने छह नगर निगमों में से पांच पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) एक ही जीत पाया था। 86 नगर पालिकाओं में से यूडीएफ ने 45 और वाम दलों ने 35 पर जीत हासिल की। भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने दो पर जीत हासिल की थी।
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