फरीदाबाद: हरियाणा के फरीदाबाद में 2900 किलोग्राम विस्फोटक और फिर दिल्ली में लाल किेले के नजदीक शक्तिशाली ब्लास्ट के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी सुर्खियों में आ गई है। वजह है कि यहां पर पढ़ाने वाले दो डॉक्टरों का आतंकी गतिविधि में सीधा लिंक माना जा रहा है। इसमें पहला नाम मुज्जमिल शकील का है। जिसके कमरे से बड़े पैमाने पर जम्मू कश्मीर पुलिस ने विस्फोटक बरामद किया और दूसरा नाम उमर नबी मुहम्मद का जिस दिल्ली ब्लास्ट का संदिग्ध माना जा रहा है। हरियाणा के फरीदाबाद में स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय की शुरुआत 1997 में एक इंजीनियरिंग कॉलेज के रुप में हुई थी। गौरतलब हो कि अब तक की जांच से पता चला है कि डॉक्टर मुजम्मिल शकील, उमर मोहम्मद और शाहीन शाहिद फरीदाबाद के अल-फलाह अस्पताल में काम करते थे। मुजम्मिल और उमर कश्मीर के हैं, जबकि शाहीन लखनऊ की रहने वाली है।
पहले नैक से एक ग्रेड फिर यूनिवर्सिटी का दर्जा
साल 2013 में अल-फलाह इंजीनियरिंग कॉलेज को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की राष्ट्रीय मूल्यांकन एवम् प्रत्यायन परिषद (NAAC) द्वारा 'A' श्रेणी में प्रमाणित किया गया। साल 2014 में हरियाणा की राज्य सरकार द्वारा 'अल-फलाह' को विश्वविद्यालय की श्रेणी प्रदान की गई। अल-फलाह मेडिकल कॉलेज भी यूनिवर्सिटी से ही संबंद्ध है। जांच एजेंसी ने इस यूनिवर्सिटी को जांच के दायरे में लिया है। डॉ. मुजम्मिल शकील और दिल्ली ब्लास्ट के संदिग्ध दोनों अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े अल-फलाह स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेस एंड रिसर्च सेंटर से जुड़े हैं।
कौन है यूनिवर्सिटी का चांसलर?
अल-फलाह यूनिवर्सिटी ने शुरुआती सालाें में अल्पसंख्यक छात्रों के लिए एएमयू अलीगढ़ और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के एक बेहतरीन विकल्प के रूप में पेश किया। यह दिल्ली जामिया मिल्लिया इस्लामिया से केवल 30 किमी की दूरी पर स्थित है। यूनिवर्सिटी 80 एकड़ में स्थापति है। इस यूनिवर्सिटी का प्रबंधन अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट करता है। जिसकी स्थापना उपलब्ध जानकारी के अनुसार 1995 में हुई। अल-फ़लाह चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष जवाद अहमद सिद्दीकी हैं। सिद्दीकी ने वंचित आबादी को चिकित्सा सेवा प्रदान करने के ट्रस्ट के मिशन के तहत, धौज, फरीदाबाद, हरियाणा, भारत में अल-फ़लाह मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की स्थापना की भी परिकल्पना की थी। ट्रस्ट में अध्यक्ष मुफ़्ती अब्दुल्ला कासिमी एम. ए. और सचिव मोहम्मद वाजिद डीएमई शामिल हैं। वर्तमान में अल फलाह यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रो. (डॉ.) मोहम्मद परवेज हैं। इसकी वाइस चांसलर डॉ. भूपिंदर कौर आनंद हैं।
पहले नैक से एक ग्रेड फिर यूनिवर्सिटी का दर्जा
साल 2013 में अल-फलाह इंजीनियरिंग कॉलेज को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की राष्ट्रीय मूल्यांकन एवम् प्रत्यायन परिषद (NAAC) द्वारा 'A' श्रेणी में प्रमाणित किया गया। साल 2014 में हरियाणा की राज्य सरकार द्वारा 'अल-फलाह' को विश्वविद्यालय की श्रेणी प्रदान की गई। अल-फलाह मेडिकल कॉलेज भी यूनिवर्सिटी से ही संबंद्ध है। जांच एजेंसी ने इस यूनिवर्सिटी को जांच के दायरे में लिया है। डॉ. मुजम्मिल शकील और दिल्ली ब्लास्ट के संदिग्ध दोनों अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े अल-फलाह स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेस एंड रिसर्च सेंटर से जुड़े हैं।
कौन है यूनिवर्सिटी का चांसलर?
अल-फलाह यूनिवर्सिटी ने शुरुआती सालाें में अल्पसंख्यक छात्रों के लिए एएमयू अलीगढ़ और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के एक बेहतरीन विकल्प के रूप में पेश किया। यह दिल्ली जामिया मिल्लिया इस्लामिया से केवल 30 किमी की दूरी पर स्थित है। यूनिवर्सिटी 80 एकड़ में स्थापति है। इस यूनिवर्सिटी का प्रबंधन अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट करता है। जिसकी स्थापना उपलब्ध जानकारी के अनुसार 1995 में हुई। अल-फ़लाह चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष जवाद अहमद सिद्दीकी हैं। सिद्दीकी ने वंचित आबादी को चिकित्सा सेवा प्रदान करने के ट्रस्ट के मिशन के तहत, धौज, फरीदाबाद, हरियाणा, भारत में अल-फ़लाह मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की स्थापना की भी परिकल्पना की थी। ट्रस्ट में अध्यक्ष मुफ़्ती अब्दुल्ला कासिमी एम. ए. और सचिव मोहम्मद वाजिद डीएमई शामिल हैं। वर्तमान में अल फलाह यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार प्रो. (डॉ.) मोहम्मद परवेज हैं। इसकी वाइस चांसलर डॉ. भूपिंदर कौर आनंद हैं।
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