नई दिल्ली: अमेरिका भारत के खिलाफ 24 घंटे के भीतर बड़ा ऐक्शन लेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोबारा भारत को धमकी दी है। रूस से तेल खरीद के कारण ट्रंप ने ऐसा करने को कहा है। ट्रंप का कहना है कि वह अगले 24 घंटों में भारत पर लगाए जाने वाले टैरिफ को 'काफी बढ़ा देंगे'। यह कदम भारत की ओर से रूस से तेल खरीदने के जवाब में है। इसे ट्रंप प्रशासन यूक्रेन पर रूसी आक्रमण का समर्थन मानता है।
भारत की ओर से रूसी तेल खरीद पर ट्रंप का रुख सख्त हो गया है। 24 घंटे के भीतर भारत को उन्होंने दोबारा चेतावनी दी है। वह चाहते हैं कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद करे। ट्रंप ने भारत पर रूस से भारी मात्रा में तेल खरीदकर उसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में ज्यादा कीमत पर बेचने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि भारत इस तरह से यूक्रेन युद्ध का फायदा उठा रहा है। इससे रूसी युद्ध मशीनरी को आर्थिक मदद मिल रही है। भारत ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। उसने कहा था कि अमेरिका और यूरोप आज भी रूस से व्यापार कर रहे हैं। वहीं, भारत से उनकी अपेक्षा उलटी है। अमेरिका की मांग को कई बार भारत अनुचित बता चुका है।
यूक्रेन युद्ध का लगाया था फायदा उठाने का आरोप भारत के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए ट्रंप ने भारतीय सामानों पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। अब ट्रंप ने इस टैरिफ को अगले 24 घंटों में और भी 'काफी ज्यादा' बढ़ाने की बात कही है। इसके पहले ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर भारत पर यूक्रेन युद्ध का फायदा उठाने का आरोप लगाया था।
भारत का तर्क है कि उसने रूस से तेल खरीदना इसलिए शुरू किया क्योंकि यूक्रेन युद्ध के बाद पारंपरिक सप्लायर (जैसे मिडिल ईस्ट के देश) यूरोप की जरूरतों को पूरा करने में लग गए थे। उसका यह कदम अपने नागरिकों के लिए ऊर्जा की सस्ती और स्थिर सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए जरूरी था।
डबल स्टैंडर्ड अपना रहा है अमेरिका
भारत ने यह भी साफ किया कि अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) खुद भी रूस के साथ बड़े पैमाने पर व्यापार कर रहे हैं। इसमें परमाणु ईंधन, पैलेडियम और उर्वरक जैसी चीजें शामिल हैं। ऐसे में सिर्फ भारत को निशाना बनाना डबल स्टैंडर्ड है।
यह पूरा विवाद ट्रेड और भू-राजनीति का मिलाजुला मामला है। इसके तहत ट्रंप भारत पर रूस से दूरी बनाने का दबाव बना रहे हैं। वहीं भारत अपने आर्थिक और राष्ट्रीय हितों को वरीयता देने की बात पर अड़ा हुआ है।
भारत की ओर से रूसी तेल खरीद पर ट्रंप का रुख सख्त हो गया है। 24 घंटे के भीतर भारत को उन्होंने दोबारा चेतावनी दी है। वह चाहते हैं कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद करे। ट्रंप ने भारत पर रूस से भारी मात्रा में तेल खरीदकर उसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में ज्यादा कीमत पर बेचने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि भारत इस तरह से यूक्रेन युद्ध का फायदा उठा रहा है। इससे रूसी युद्ध मशीनरी को आर्थिक मदद मिल रही है। भारत ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। उसने कहा था कि अमेरिका और यूरोप आज भी रूस से व्यापार कर रहे हैं। वहीं, भारत से उनकी अपेक्षा उलटी है। अमेरिका की मांग को कई बार भारत अनुचित बता चुका है।
यूक्रेन युद्ध का लगाया था फायदा उठाने का आरोप भारत के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए ट्रंप ने भारतीय सामानों पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। अब ट्रंप ने इस टैरिफ को अगले 24 घंटों में और भी 'काफी ज्यादा' बढ़ाने की बात कही है। इसके पहले ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर भारत पर यूक्रेन युद्ध का फायदा उठाने का आरोप लगाया था।
भारत का तर्क है कि उसने रूस से तेल खरीदना इसलिए शुरू किया क्योंकि यूक्रेन युद्ध के बाद पारंपरिक सप्लायर (जैसे मिडिल ईस्ट के देश) यूरोप की जरूरतों को पूरा करने में लग गए थे। उसका यह कदम अपने नागरिकों के लिए ऊर्जा की सस्ती और स्थिर सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए जरूरी था।
डबल स्टैंडर्ड अपना रहा है अमेरिका
भारत ने यह भी साफ किया कि अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) खुद भी रूस के साथ बड़े पैमाने पर व्यापार कर रहे हैं। इसमें परमाणु ईंधन, पैलेडियम और उर्वरक जैसी चीजें शामिल हैं। ऐसे में सिर्फ भारत को निशाना बनाना डबल स्टैंडर्ड है।
यह पूरा विवाद ट्रेड और भू-राजनीति का मिलाजुला मामला है। इसके तहत ट्रंप भारत पर रूस से दूरी बनाने का दबाव बना रहे हैं। वहीं भारत अपने आर्थिक और राष्ट्रीय हितों को वरीयता देने की बात पर अड़ा हुआ है।
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