नवरात्रि का त्यौहार पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है । नौ दिनों तक चलने वाले इस त्यौहार में देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है और व्रत रखे जाते हैं। व्रत के दौरान सात्विक भोजन करने का रिवाज़ है, जिसमें आलू, कटु का आटा, सिंगाड़े का आटा और साबूदाने से बने व्यंजन , जैसे साबूदाना खिचड़ी, साबूदाना खीर, और भी बहुत कुछ शामिल है । लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि व्रत के दौरान आप जो साबूदाना खा रहे हैं, क्या वह असली है?दरअसल, व्रत के दौरान बाजार में साबूदाने की मांग काफी बढ़ जाती है। इससे साबूदाने में मिलावट की संभावना बढ़ जाती है। नकली साबूदाना न केवल स्वाद में खराब होता है, बल्कि स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डाल सकता है। इस लेख में, आइए नकली साबूदाने की पहचान करने के कुछ तरीके जानें ।असली और नकली साबूदाना की पहचानउबालें और लगायें।नकली साबूदाना की पहचान करने के लिए , आपको इसे पानी में उबालकर जांचना होगा। इसके लिए, एक बर्तन में पानी लें और उसमें साबूदाना डालें । अगर साबूदाना उबलने के बाद चिपचिपा हो जाए, तो वह नकली है, क्योंकि असली साबूदाना पानी में उबलने के बाद चिपचिपा नहीं होता। बल्कि, उबलने के बाद अलग रहता है, और कम चिपचिपा होता है।आप रंग से भी बता सकते हैंआजकल बाज़ार में मिलने वाले उत्पादों को ताज़ा और शुद्ध दिखाने के लिए चमकदार बनाया जा रहा है । साबूदाना के साथ भी यही होता है । असली साबूदाना का रंग सफ़ेद और पारदर्शी होता है । लेकिन अगर आपके साबूदाना के दाने बिल्कुल सफ़ेद और चमकदार हैं, तो हो सकता है कि वे नकली या मिलावटी हों।इसे पानी में डालकर परीक्षण करें।आप साबूदाना को पानी में डालकर भी परख सकते हैं । साबूदाना को सादे पानी में डालकर थोड़ी देर के लिए छोड़ दें। अगर साबूदाना पानी पर तैरने लगे, तो वह नकली हो सकता है। असली साबूदाना पानी में तैरता नहीं, बल्कि नीचे डूब जाता है ।गैस पर जलाकर परीक्षण करें।असली साबूदाना की पहचान करने के लिए बर्न टेस्ट बहुत काम आता है । इसके लिए आपको एक साबूदाना लेना है और उसे गैस की आंच पर जलाना है। अगर साबूदाना जलने पर प्लास्टिक जैसी गंध छोड़ता है, तो वह नकली हो सकता है। असली साबूदाना जलने पर प्लास्टिक जैसी गंध नहीं छोड़ता।
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