ऑपरेशन सिंदूर: 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम की घोषणा हुई थी। लेकिन उससे पहले भारत ने पाकिस्तान को अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। इसका श्रेय भारत निर्मित सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस को जाना चाहिए।
जी हां.. यही वो दिन था जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव शुरू हुआ था… 22 अप्रैल को पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा 26 भारतीयों की गोली मारकर हत्या करने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध का माहौल शुरू हो गया था।
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने 7 मई को पाकिस्तान स्थित 9 आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों पर हवाई हमले किए। इस हमले में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। भारत ने इस हमले में अपनी निर्मित सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का इस्तेमाल किया। इससे पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली नष्ट हो गई।
भारत द्वारा 7 मई को पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों पर हमला करने के बाद पाकिस्तान ने भारत पर मिसाइलों और ड्रोन से हमला किया था। इन्हें भारतीय वायु रक्षा प्रणाली द्वारा नष्ट कर दिया गया था। पाकिस्तान के हमले के जवाब में भारत ने ब्रह्मोस मिसाइलों से पाकिस्तानी हवाई ठिकानों पर हमला किया।
ब्रह्मोस की कीमत कितनी है? भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ब्रह्मोस मिसाइल का नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की मोस्कवा नदी के नाम पर रखा गया है। इस मिसाइल को विकसित करने पर 250 मिलियन डॉलर खर्च किये गये। आज के मूल्य में यह रु. 2,135 करोड़ रु. इस परियोजना में भारत ने 50.5% तथा रूस ने 49.5% का योगदान दिया। हालांकि ब्रह्मोस मिसाइल की आधिकारिक कीमत के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि ब्रह्मोस की उत्पादन लागत प्रति इकाई लगभग 100 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि यह 300 करोड़ रुपये है। इसके अलावा एक मिसाइल की कीमत लगभग 10 लाख रुपये है। 34 करोड़ रु.
ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज: सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज 290 किलोमीटर है। इसके उन्नत संस्करण की मारक क्षमता 500 से 800 किलोमीटर है। यह मिसाइल 200 से 300 किलोग्राम विस्फोटक ले जा सकती है। यह दुश्मन को नष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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