News India Live, Digital Desk: Role of Teachers : शिक्षक दिवस पर हम सब अपने गुरुओं को याद करते हैं, उन्हें सम्मान देते हैं. हम उस दौर की कल्पना करते हैं, जब ज्ञान का एकमात्र स्रोत गुरु या किताबें हुआ करती थीं. लेकिन आज ज़माना बदल गया है. आज का बच्चा ऐसी दुनिया में जी रहा है, जहां दुनिया की हर जानकारी उसकी उंगलियों पर, एक क्लिक की दूरी पर है. गूगल, यूट्यूब और अब तो चैटजीपीटी जैसे AI टूल्स ने जानकारी का एक ऐसा महासागर बना दिया है जिसमें कोई भी गोता लगा सकता है.ऐसे में यह सवाल उठना लाज़िमी है कि जब "क्या" पढ़ना है, यह सब इंटरनेट पर मौजूद है, तो फिर एक शिक्षक की भूमिका क्या रह गई है? क्या उनका काम सिर्फ सिलेबस पूरा कराना है? इसका जवाब है- नहीं. आज एक शिक्षक की भूमिका पहले से कहीं ज़्यादा बड़ी और महत्वपूर्ण हो गई है. अब उनका काम जानकारी देना नहीं, बल्कि उस जानकारी के महासागर में तैरना सिखाना है.आज के शिक्षक को सिलेबस से आगे बढ़कर बच्चों को वो चीज़ें सिखानी होंगी जो गूगल नहीं सिखा सकता.1. सही और गलत की पहचान करनाइंटरनेट पर जानकारी तो है, लेकिन उसमें सच, झूठ, राय और प्रोपेगेंडा सब कुछ मिला हुआ है. आज के शिक्षक का सबसे बड़ा काम बच्चों को 'क्रिटिकल थिंकिंग' यानी आलोचनात्मक सोच सिखाना है. उन्हें यह सिखाना होगा कि किसी भी जानकारी पर आंख मूंदकर भरोसा कैसे न करें. तथ्यों और राय के बीच का फर्क कैसे समझें. फर्जी खबरों (Fake News) को कैसे पहचानें और जानकारी के सही स्रोत तक कैसे पहुंचें. यह वो हुनर है जो उन्हें जीवन भर धोखे से बचाएगा.2. सिर्फ रटना नहीं, समझना और इस्तेमाल करना सिखानाजानकारी रट लेना अब पुरानी बात हो गई है. आज असली चुनौती यह है कि उस जानकारी का इस्तेमाल असल जिंदगी की समस्याओं को सुलझाने में कैसे किया जाए. एक अच्छा शिक्षक बच्चों को किताबी ज्ञान को असल दुनिया से जोड़ना सिखाता है. वह उन्हें बताता है कि गणित के फॉर्मूले सिर्फ परीक्षा पास करने के लिए नहीं, बल्कि रोजमर्रा की समस्याओं को हल करने के लिए भी हैं. वे बच्चों को प्रॉब्लम-सॉल्वर बनाते हैं, न कि सिर्फ रट्टू तोता.3. सवाल पूछना सिखानासबसे बड़ा ज्ञान सवालों में छिपा होता है. गूगल आपको उन्हीं सवालों के जवाब देता है जो आप उससे पूछते हैं. लेकिन सही सवाल पूछना कौन सिखाएगा? यह काम एक शिक्षक का है. एक अच्छा गुरु बच्चों के मन में जिज्ञासा की आग जलाता है. वह उन्हें "क्यों?", "कैसे?" और "अगर ऐसा नहीं होता तो क्या होता?" जैसे सवाल पूछने के लिए प्रोत्साहित करता है. जिस दिन एक बच्चा सही सवाल पूछना सीख जाता है, उस दिन वह असल मायने में सीखना शुरू कर देता है.4. इंसानियत और संवेदनाएं सिखानाAI आपको दुनिया की सारी जानकारी दे सकता है, लेकिन वह आपको सहानुभूति, दया, टीम वर्क और मानवीय भावनाओं को समझना नहीं सिखा सकता. एक क्लासरूम में बच्चे सिर्फ विषय नहीं पढ़ते, वे एक-दूसरे के साथ रहना, अपनी बारी का इंतजार करना, दूसरों की मदद करना और अलग-अलग विचारों का सम्मान करना भी सीखते हैं. एक शिक्षक ही है जो उन्हें एक अच्छा छात्र होने के साथ-साथ एक अच्छा इंसान बनना भी सिखाता है.तो, इस शिक्षक दिवस पर हमें यह समझना होगा कि शिक्षक की भूमिका अब 'Sage on the stage' (मंच पर खड़ा ज्ञानी) वाली नहीं, बल्कि 'Guide on the side' (किनारे पर खड़ा मार्गदर्शक) वाली हो गई है. वे अब ज्ञान के एकमात्र स्रोत नहीं, बल्कि उस ज्ञान तक पहुंचने का रास्ता दिखाने वाले मार्गदर्शक हैं. उनकी जरूरत कभी खत्म नहीं हो सकती, क्योंकि गूगल आपको तथ्य दे सकता है, पर विवेक एक गुरु ही देता है.
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