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जून में बरसेगा आसमानी कहर? मौसम विभाग की चेतावनी, मई की बारिश तो बस एक झलक

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मानसून 2025 मौसम रिपोर्ट अपडेट : मुंबई समेत देश के कई शहरों में भारी से बहुत भारी बारिश शुरू हो गई है, जबकि कुछ इलाकों में छिटपुट बारिश ने लोगों को असहनीय तेज हवाओं से परेशान कर दिया है। हालांकि, मौसम विभाग की ताजा चेतावनी यही कह रही है कि मई में हो रही बारिश तो बस ट्रेलर है, मेघराजा का असली कहर जून में दिखेगा।

देश के कई हिस्सों में मानसून तेजी से आगे बढ़ रहा है: आईएमडी

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा है कि, ‘इस बार मानसून आठ दिन पहले यानी 24 मई को ही केरल में आ गया है। मानसून के जल्दी प्रवेश ने पिछले 16 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इससे पहले वर्ष 2009 में मानसून ने 23 मई को केरल में प्रवेश किया था। आईएमडी के ताजा अपडेट के अनुसार देश के कई हिस्सों में मानसून तेजी से आगे बढ़ रहा है।

मौसम विभाग ने किसानों को दी राहत भरी खबर

मौसम विभाग ने मानसून-2025 पर अपने ताजा अपडेट में कहा है कि इस बार भारत में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है, जो किसानों के लिए राहत की बात है। दरअसल, आईएमडी ने जून से सितंबर के लिए बारिश के पूर्वानुमान को संशोधित किया है, जिसमें कई बदलाव किए गए हैं।

पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अधिक वर्षा होगी।

मौसम विभाग ने इस वर्ष देश में औसत से 106 प्रतिशत अधिक वर्षा होने का अनुमान लगाया है। इसमें केवल चार प्रतिशत का अंतर ऊपर या नीचे हो सकता है। पिछले वर्ष औसत से 105 प्रतिशत अधिक वर्षा का अनुमान लगाया गया था। जब वर्षा औसत से 104 प्रतिशत से अधिक हो जाती है, तो इसे सामान्य से अधिक वर्षा माना जाता है। देशभर में 87 सेमी बारिश की भी संभावना जताई गई है।


देश में मानसून के प्रवेश पर चार वर्षों के आंकड़े

पिछले साल मानसून ने 30 मई को केरल में प्रवेश किया था। जबकि 2023 में मानसून 8 जून को, 2022 में 29 मई को और 2021 में 3 जून को पहुंचा, जबकि 2020 में मानसून 1 जून को पहुंचा था। दक्षिण-पश्चिम मानसून आमतौर पर 1 जून तक केरल में शुरू होता है और 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर करता है। साथ ही, मानसून 17 सितंबर के आसपास उत्तर पश्चिम भारत से और 15 अक्टूबर तक देश के बाकी हिस्सों से वापस चला जाता है।

मानसून देश की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

मौसम विभाग के अनुसार 96 प्रतिशत से 104 प्रतिशत तक की बारिश को सामान्य माना जाता है। 90 प्रतिशत से कम वर्षा को कम माना जाता है तथा 90 से 95 प्रतिशत के बीच वर्षा को सामान्य से कम माना जाता है। भारत के कृषि क्षेत्र के लिए मानसून बहुत महत्वपूर्ण है। देश की 42 प्रतिशत आबादी अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है और यह क्षेत्र देश के विकास में 18 प्रतिशत का योगदान देता है। मानसून की बारिश देश के जलाशयों को भरने और बिजली उत्पादन के लिए भी महत्वपूर्ण है।

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