पेंशन निवेश: कामकाजी जीवन में रिटायरमेंट प्लानिंग बेहद ज़रूरी है। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि रिटायरमेंट के बाद आपको दूसरों पर निर्भर न रहना पड़े। आपको इतनी पेंशन मिलनी चाहिए जो आपके रोज़मर्रा के खर्चों को पूरा कर सके। हालाँकि, जिन वरिष्ठ नागरिकों को 50 हज़ार रुपये मासिक पेंशन मिल रही है, उन्हें यहीं नहीं रुकना चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि इसे सोच-समझकर खर्च करने के बजाय, इसे दोबारा निवेश करने से ज़्यादा संपत्ति बनाई जा सकती है। अगर आप अपनी पेंशन का एक हिस्सा सही तरीके से निवेश करते हैं, तो आप अपनी भविष्य की ज़रूरतों को पूरा कर सकते हैं। ऐसे करें निवेश!वरिष्ठ नागरिकों के लिए जोखिम-मुक्त निवेश योजनाएँ उपलब्ध हैं। वे सरकारी गारंटी वाली वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) और डाकघर मासिक आय योजना (POMIS) में निवेश कर सकते हैं। सावधि जमा (फिक्स्ड डिपॉजिट) सुरक्षा के साथ-साथ स्थिर ब्याज आय भी प्रदान करते हैं। डेट म्यूचुअल फंड और कॉर्पोरेट बॉन्ड फंड, बचत खातों की तुलना में ज़्यादा रिटर्न देते हैं। ये कम जोखिम भरे भी होते हैं।इक्विटी म्यूचुअल फंड, लार्ज कैप या बैलेंस्ड एडवांटेज फंड जैसे वेल्थ बिल्डिंग फंड,मुद्रास्फीति से सुरक्षा प्रदान करने के साथ-साथ दीर्घकालिक धन वृद्धि के लिए अच्छे विकल्प हैं। ये आपको अपनी इच्छानुसार निवेश करने की सुविधा भी देते हैं। रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REITs) और इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvITs) स्थिर रिटर्न प्रदान करते हैं।अनुशासन ज़रूरी है।निवेश एक दीर्घकालिक निवेश है जिसका पूरा लाभ मिलने की संभावना होती है। इसलिए, किसी भी योजना में शामिल होते समय या फंड में निवेश करते समय अनुशासन ज़रूरी है। अगर आप हर महीने म्यूचुअल फंड में व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) शुरू करते हैं, तो आपकी पेंशन का एक हिस्सा नियमित रूप से इसमें जाएगा। इससे आपको एक स्थिर आय प्राप्त होगी।पोर्टफोलियो विविधीकरण:अपनी सारी पेंशन एक ही चीज़ में निवेश न करना ही बेहतर है। बेहतर होगा कि आप ऐसे फंडों में ज़्यादा निवेश करें जो रिटर्न देते हों। हालाँकि, निवेश में विविधता लाने से बाज़ार का जोखिम कम होता है। अगर आपको एक निवेश में नुकसान भी होता है, तो दूसरा निवेश आपके लिए मददगार साबित होगा। अगर आप इक्विटी फंडों के साथ-साथ सोने और रियल एस्टेट में भी निवेश करते हैं, तो आपको ज़्यादा पैसा गंवाने का जोखिम नहीं उठाना पड़ेगा।पोर्टफोलियो समीक्षा और पुनर्संतुलनआपको अपने पोर्टफोलियो की सालाना समीक्षा करनी चाहिए। अगर शेयर बाज़ार में तेज़ी आती है और आपकी इक्विटी होल्डिंग्स काफ़ी ज़्यादा हैं, तो आपको लाभ का एक हिस्सा निश्चित आय में लगाना चाहिए। नुकसान कम करने के लिए अलग से पैसे रखें।कर नियोजन:पेंशन आयकर के दायरे में आते हैं। निवेश की अवधि और निवेश पद्धति के आधार पर पूंजीगत लाभ कर भी लागू होता है। इसलिए यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि इनमें निवेश करने पर कर का बोझ न के बराबर हो या न्यूनतम हो। आपको आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत मिलने वाली छूटों की जाँच करनी चाहिए। इस प्रकार, आपको ऐसी योजना बनानी चाहिए जिससे सुरक्षा और आय में वृद्धि हो।
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