हिंदू धर्म में भगवान परशुराम को भगवान विष्णु का छठा अवतार माना जाता है। उनका जन्म वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हुआ था, जिसे अक्षय तृतीया के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन को श्रद्धा और उत्साह के साथ परशुराम जयंती के रूप में मनाया जाता है। 2025 में यह पर्व 30 अप्रैल को मनाया जाएगा। परशुराम केवल एक ब्राह्मण योद्धा नहीं थे, बल्कि वे धर्म, साहस और शक्ति के प्रतीक भी माने जाते हैं। इस अवसर पर शायरी के माध्यम से उनकी महिमा का गुणगान करना भक्तों के लिए एक विशेष तरीका है।
ब्राह्मण परशुराम शायरी: धर्म और शक्ति का संगम
भगवान परशुराम का जीवन एक ब्राह्मण की विद्वता और क्षत्रिय की वीरता का अनूठा मेल है। उनके फरसे ने अन्याय का अंत किया और धर्म की स्थापना की। परशुराम जयंती पर शायरी के जरिए उनकी महानता को व्यक्त करना न केवल भक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह हमें उनके आदर्शों को अपनाने की प्रेरणा भी देता है।
ब्राह्मण स्टेटस और शायरी
आज वो लड़की भी मेरा स्टेटस कॉपी करती है, जो 10वीं में मुझे देखती थी। लेकिन पंडित लोग माफ नहीं करते।
हम पत्थर नहीं, फौलाद हैं। हम ब्राह्मण की औलाद हैं।
कोई भी ब्राह्मण चाहे वह दुनिया के किसी भी कोने में हो, मेरा अपना सगे जैसा है।
कर्म की भूमि पर किस्मत के फूल खिलते हैं।
परशुराम जयंती की शुभकामनाएं
30 अप्रैल, 2025 को परशुराम जयंती के इस पवित्र अवसर पर, आइए भगवान परशुराम की शायरी के माध्यम से उनकी भक्ति और शक्ति का गुणगान करें। उनके आदर्शों को अपनाएं और अपने जीवन में धर्म, साहस, और न्याय के मार्ग पर चलें।
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