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इस वर्ष दिवाली 20 अक्टूबर को मनाई गई। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन को बहुत पवित्र माना जाता है, क्योंकि इसी दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। इस बार एक दुर्लभ खगोलीय घटना घटेगी, जो दिवाली को और भी खास बना देगी।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, शनि वक्री होंगे। ऐसा संयोग लगभग 500 वर्षों के बाद बनेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि को कर्म-फल देने वाला देवता माना जाता है। वे व्यक्ति के कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। शनि के वक्री होने पर उनकी गति धीमी हो जाती है और इसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ता है।
यह प्रभाव कुछ लोगों के लिए बहुत शुभ हो सकता है, जबकि अन्य के लिए यह सतर्क रहने की चेतावनी हो सकता है। शनि वक्री काल के दौरान कई लोग अपने जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव करेंगे। कुछ को बड़ी ज़िम्मेदारियाँ मिलेंगी, जबकि अन्य को देरी से सफलता मिलेगी।
मिथुन
मिथुन राशि वालों के लिए शनि का वक्री होना बहुत लाभकारी हो सकता है। करियर और व्यवसाय में नई ऊँचाइयों को छूने का अवसर मिलेगा। लंबे समय से अटके हुए काम अब पूरे होंगे। नौकरीपेशा लोगों के लिए पदोन्नति के योग हैं। व्यापार में साझेदारी से लाभ होगा।
मकर
मकर राशि के जातकों के लिए यह अवधि शिक्षा और करियर में सुनहरे अवसर लेकर आ सकती है। प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों के लिए यह अवधि अनुकूल रहेगी। नौकरी का कोई नया अवसर मिल सकता है। विदेश जाने की योजनाएँ पूरी होने की संभावना है। अचानक धन लाभ हो सकता है।
कुंभ
चूँकि कुंभ राशि शनि की अपनी राशि है, इसलिए शनि के वक्री होने पर इस राशि के लोगों को विशेष लाभ मिलता है। जीवन में ज़िम्मेदारियाँ बढ़ेंगी, लेकिन साथ ही बड़ी सफलता और उन्नति के रास्ते भी खुलेंगे। करियर में अचानक बड़े अवसर मिल सकते हैं। सही जगह किए गए निवेश से लाभ होगा।
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