इंटरनेट डेस्क। कहा जाता हैं कि शनि देव अगर नाराज हो जाते हैं तो फिर परेशानियों का दौर शुरू हो जाता है। वैसे शनिदेव को कर्मों के अनुसार फल देने वाला देवता माना जाता है और उन्हें न्याय के देवता भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में शनि अमावस्या का विशेष महत्व माना गया है। इस दिन शनि देव की पूजा करने से जीवन की कठिनाइयां कम होती हैं। तो आज जानते हैं इसके छोटे छोट उपाय।
कब हैं शनि अमावस्या
वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद अमावस्या की तिथि 22 अगस्त, शुक्रवार को सुबह 11 बजकर 55 मिनट पर आरंभ होगी और तिथि का समापन 23 अगस्त, शनिवार के दिन सुबह 11 बजकर 34 मिनट पर होगा। इस दिन शनि देव की पूजा करने से दुर्भाग्य दूर होता है।
शनि कृपा पाने का आसान उपाय
शनि अमावस्या के दिन शाम के समय किसी पीपल के पेड़ के नीचे या शनि मंदिर में चुपचाप सरसों के तेल का दीपक जलाएं। दीपक में एक लौंग और एक काला तिल भी डाल दें। ऐसा करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है।
शनि अमावस्या के दिन घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाना भी शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि रोजाना दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता और घर में सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है।
इस दिन काले तिल, उड़द दाल, सरसों का तेल, काले कपड़े, लोहे की वस्तुएं दान करें। शनि मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः”का 108 बार जप करें।
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