इंटरनेट डेस्क। सनातन धर्म में भगवान की पूजा और उनके लिए भोग लगाना एक नियम है। किसी भी बड़े से बड़े मंदिर में भोग जरूर लगाया जाता है। ऐसे में कुछ लोग भगवान को भोग लगाने के बाद प्रसाद को वहीं छोड़ देते हैं, जो कि शास्त्रों में गलत बताया गया है। भोग अर्पित करने से ही पूजा पूर्ण होती है, पूजा के साथ साथ भोग और प्रसाद के भी कई नियम हैं जिनका पालन करने पर आपको प्रभु की कृपा जरूर मिलती हैं, आइए आपको बताते हैं।
इन बर्तनों में लगाएं भोग
भगवान को भोग सोने, चांदी, लकड़ी तांबे या फिर मिट्टी के पात्र में रखकर ही चढ़ाना चाहिए। स्टील के बर्तन भोग के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। भगवान को चढ़ाया हुआ भोग बाद में प्रसाद स्वरूप बांटा जाता है, इस भोग को लगाने के तुरंत बाद उठा लेना चाहिए।
कितनी देर लगाना चाहिए भोग
शास्त्रों में कहा गया है कि ताजा भोग बनाकर भगवान को लगाना चाहिए और साथ ही जल जरूर रखना चाहिए, भोग लगाने के बाद पांच मिनट के भीतर ही इसे पूजाघर से उठाकर लोगों में बांट देना चाहिए।
pc- hindustan
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