इंटरनेट डेस्क। दुनिया भर के मुसलमानों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण क्षण में सऊदी अरब ने आधिकारिक तौर पर आधा चांद देखे जाने की पुष्टि की है। इसके साथ ही आज रात 1446 के जुल हिज्जा की शुरुआत और इस साल हज और ईद उल-अज़हा या ईद-उल-अज़हा (जिसे बकरा ईद, बकरीद, बख़रीद, ईद-उल-ज़ुहा, ईद अल-अज़हा, ईद क़ुर्बान, क़ुर्बान बयारामी या बलिदान का पर्व भी कहा जाता है) की अंतिम तिथियों को चिह्नित करता है। इसका मतलब है कि इस्लामी कैलेंडर का आध्यात्मिक चरमोत्कर्ष चल रहा है।
हज 2025 के लिए ये आई है तिथिहज 04 जून, 2025 से शुरू होने वाला है, जबकि अराफा का दिन - हज यात्रा का शिखर - गुरुवार, 05 जून, 2025 को पड़ेगा, इसके बाद ईद-उल-अजहा शुक्रवार, 06 जून, 2025 को होगी। चाहे आप हज के पवित्र संस्कारों की तैयारी कर रहे हों या प्रियजनों के साथ उत्सव मनाने की योजना बना रहे हों, आने वाले दिन चिंतन, परंपरा और उत्सव से भरपूर होने वाले हैं।
ईद-उल-अज़हा 2025 समारोहईद-उल-अज़हा चिंतन और आध्यात्मिक नवीनीकरण का समय है क्योंकि यह सभी मुसलमानों को ईश्वर की इच्छा के प्रति आस्था, भक्ति और समर्पण के महत्व की याद दिलाता है, साथ ही एकता और समावेशिता की भावना को बढ़ावा देता है क्योंकि विभिन्न पृष्ठभूमि के लोग इस खुशी के अवसर को मनाने के लिए एक साथ आते हैं। यह त्यौहार न केवल परिवारों और समुदायों के बीच के बंधन को मजबूत करता है बल्कि दान और दयालुता के कार्यों को भी प्रोत्साहित करता है जो इस्लाम के मूल सिद्धांत हैं। दुनिया भर के मुसलमानों के लिए ये बहुत खुशी औऱ एकता का समय है जब परिवार एक साथ आते हैं और समुदाय इस शुभ अवसर को मनाने के लिए इकट्ठा होते हैं। मुसलमान अपने बेहतरीन कपड़े पहनते हैं, अक्सर नए कपड़े पहनते हैं और मस्जिदों या बाहरी प्रार्थना स्थलों पर विशेष सामूहिक प्रार्थना में भाग लेते हैं।
PC : hindustantimes
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