राजस्थान में सोमवार को गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। प्रदेश के कई जिलों में सूर्य की तीखी किरणों ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया। खासकर जैसलमेर में स्थिति बेहद गंभीर रही, जहां अधिकतम तापमान 46.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। तपती धूप और लू के थपेड़ों ने लोगों को घरों में कैद रहने पर मजबूर कर दिया। सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा और जरूरी काम से ही लोग बाहर निकलते नजर आए।
मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में गर्मी का यह दौर फिलहाल थमने वाला नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले दो दिन तक इसी तरह भीषण गर्मी का सामना करना पड़ेगा। पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर और जोधपुर जिलों में तापमान 45 डिग्री से ऊपर बना रहेगा, जबकि जयपुर, अलवर, सीकर और कोटा जैसे इलाकों में भी तेज गर्म हवाओं का असर महसूस किया जाएगा।
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, इस भीषण गर्मी के पीछे पछुवा हवाओं का असर है, जो सीधे थार रेगिस्तान से चल रही हैं। इन हवाओं के कारण नमी का स्तर बेहद कम हो गया है और तापमान तेजी से बढ़ रहा है। इसके अलावा, प्रदेश के ऊपर फिलहाल किसी भी तरह का मौसमी सिस्टम सक्रिय नहीं है, जिससे राहत के आसार नहीं दिख रहे हैं।
हालांकि राहत की खबर यह है कि एक मई से राजस्थान में मौसम का मिजाज बदल सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, एक नया वेदर सिस्टम पश्चिमी विक्षोभ के रूप में सक्रिय होगा। इसके प्रभाव से राजस्थान के कई हिस्सों में आंधी और बारिश का सिलसिला शुरू हो सकता है। पश्चिमी राजस्थान के कुछ इलाकों में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धूल भरी आंधी चलने की संभावना है, जबकि पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस वेदर सिस्टम से तापमान में 3 से 5 डिग्री की गिरावट आ सकती है, जिससे लोगों को भीषण गर्मी से कुछ हद तक राहत मिलेगी। किसान वर्ग भी इस बदलाव की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहा है, क्योंकि इस समय खेतों में नमी की सख्त जरूरत है। वहीं आमजन के लिए भी यह मौसम परिवर्तन बड़ी राहत लेकर आ सकता है।
फिलहाल मौसम विभाग ने नागरिकों को आगाह किया है कि आने वाले दो दिनों तक लू से बचाव के लिए आवश्यक सतर्कता बरतें। दिन के समय धूप में अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें, हल्के और सूती कपड़े पहनें तथा पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें।
राजस्थान में मौसम के इस अचानक करवट बदलने का सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। अब देखना यह है कि एक मई के बाद किस हद तक राहत मिलती है और गर्मी का यह तांडव कब थमता है।
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