कोलकाता, 20 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . रोशनी का त्योहार दीवाली और काली पूजा Monday शाम ढलते ही पूरे West Bengal में रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा उठा. हर गली-कूचे में सजावट और दीपों की लौ ने त्योहार की रौनक बढ़ा दी.
राज्यभर में लाखों श्रद्धालुओं ने प्रसिद्ध काली मंदिरों में जाकर मां काली की पूजा-अर्चना की और पुजारियों के वैदिक मंत्रोच्चार के बीच ‘पुष्पांजलि’ अर्पित की.
इस बार कोलकाता की तुलना में उत्तर 24 परगना जिले के बारासात और नैहाटी जैसे इलाकों में सजे भव्य सामुदायिक पूजा पंडाल और रंग-बिरंगी रोशनी से सजी सड़कों ने श्रद्धालुओं और दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींचा. यहां कोलकाता सहित विभिन्न स्थानों से भारी संख्या में लोग पहुंचे.
राज्यभर में सैकड़ों सामुदायिक काली पूजा पंडाल सजाए गए हैं, जबकि कई परिवारों ने अपने घरों में पारंपरिक रीति से काली पूजा आयोजित की. घरों, आवासीय परिसरों और बाजारों को सजावटी लाइटों और दीयों से सजाया गया.
राज्य सरकार के पर्यावरण विभाग और पुलिस प्रशासन ने पटाखों के इस्तेमाल को निर्धारित सीमा के भीतर रखने के लिए विशेष इंतज़ाम किए हैं.
कोलकाता का कालीघाट मंदिर, उत्तर 24 परगना का दक्षिणेश्वर और बरोमा मंदिर, तथा बीरभूम जिले के तारापीठ, कंकोलताला और मां फुल्लरा मंदिर में सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें लगी रहीं. श्रद्धालु देवी के दर्शन और पूजा के लिए घंटों इंतज़ार करते दिखाई दिए.
राजधानी कोलकाता समेत पूरे राज्य में दीपावली और काली पूजा की सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती थी. हालांकि रात 9:30 बजे खबर लिखे जाने तक कहीं से किसी दुर्घटना की खबर नहीं आई है.
बहरहाल प्रशासन की तमाम सख्ती और हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद कोलकाता और शिल्पांचाल क्षेत्र में बड़ी संख्या में 90 डेसीबल से अधिक आवाज वाले पटाखे फोड़े गए हैं. महानगर कोलकाता समेत राज्य के सभी बड़े शहरों में Monday रात वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक से अधिक पर जा पहुंचा है.
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
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