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अगले वित्तीय वर्ष के बजट के लिए फरवरी-मार्च तक बाेर्ड की संस्तुति जरुरी: मुख्य सचिव

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देहरादून, 10 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने कहा कि प्रोजेक्ट्स की लागत को कम किए जाने के लगातार प्रयास किए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट्स के लिए लिया जाना वाला ऋण जितना सस्ता हो, उतना अच्छा. इसके लिए वित्त उपलब्ध कराने वाली एजेन्सियों से लगातार सम्पर्क किया जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि अगले वित्त वर्ष के बजट के लिए फरवरी-मार्च तक बोर्ड से संस्तुति अनिवार्य रूप से ले ली जाए.

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन शुक्रवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड पावर कार्पोरेशन लिमिटेड की 125वीं बोर्ड में बाेल रहे थे. उन्हाेंने बैठक में बोर्ड के सचिव वित्त और टेक्निकल पृष्ठभूमि के व्यक्ति को भी बोर्ड में शामिल किए जाने की बात कही.

मुख्य सचिव ने कहा कि सचिव विजिलेंस के साथ बैठक कर तीनों कार्पोरेशन्स में शीघ्र ही विजिलेंस मैकेनिज्म तैयार किया जाए. मुख्य सचिव ने यूपीसीएल को 1 जनवरी, 2026 से ईआरपी लागू किए जाने के भी निर्देश दिए हैं. उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि तीनों कार्पोरेशन में त्रैमासिक प्रदर्शन की समीक्षा की जाए. उन्होंने कहा कि इससे अल्पकालिक लक्ष्यों पर कार्पोरेशन की प्रगति का आंकलन एवं सुधार के क्षेत्रों को चिन्हित कर अगली तिमाही के लिए नए उद्देश्य निर्धारित किए जा सकेंगे.

मुख्य सचिव ने नई तकनीकों के इस्तेमाल पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि नई तकनीक का उपयोग करने से पहले एक दो स्थानों पर अनिवार्य रूप से प्रयोग कर लिया जाए, ताकि तकनीक के कम सफल होने या असफल होने पर उपयोग से हटाए जाने में अधिक नुकसान न हो. उन्होंने कहा कि सभी कार्पोरेशन को पेशेवर दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है. उन्होंने प्रोजेक्ट्स को शुरू करने से पहले उसका तकनीकी आर्थिक व्यवहार्यता (टेक्नो इकोनॉमिक फीजीबिलिटी) परीक्षण कराए जाने की बात भी कही.

इस बैठक में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, स्वतंत्र निदेशक (बोर्ड) पराग गुप्ता, बीपी पाण्डेय, अपर सचिव डॉ. अहमद इकबाल, एमडी यूपीसीएल अनिल यादव, एमडी यूजेवीएनएल संदीप सिंघल, एमडी पिटकुल पीसी ध्यानी आदि मौजूद रहे.

(Udaipur Kiran) / विनोद पोखरियाल

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