हावड़ा, 06 नवंबर (Udaipur Kiran) . जिले के सांकरैल थाना क्षेत्र स्थित प्राचीन उद्योग प्रतिष्ठान डेल्टा जूट मिल में एक बार फिर श्रमिक असंतोष भड़क उठा है. करीब 18 माह से उत्पादन बंद रहने और कर्मचारियों के भविष्य निधि (पीएफ), ग्रेच्युइटी तथा बकाया वेतन का भुगतान न होने पर सीटू की ओर से गुरुवार को श्रम विभाग में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई गई.
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि मिल प्रबंधन लंबे समय से कर्मचारियों के वैधानिक बकाया का भुगतान नहीं कर रहा है. वहीं, राज्य प्रशासन की उदासीनता और मिल की जमीन को प्रमोटरों के हाथों सौंपने की साजिश का भी सीटू ने कड़ा विरोध किया है.
सीटू नेतृत्व का कहना है कि नए श्रम कानून लागू होने के बाद भी राज्य सरकार श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम नहीं उठा रही है. वर्ष 2010 और 2012 में मिल बंद होने से करीब चार हजार श्रमिक बेरोजगार हो गए थे. कोविड-19 महामारी के दौरान नवंबर 2020 से फिर उत्पादन बंद हो गया था. बाद में दिसंबर 2021 में श्रम मंत्री बेचाराम मन्ना की मध्यस्थता से उत्पादन पुनः शुरू हुआ, किंतु वर्तमान में एक बार फिर से मिल बंद पड़ी है.
राज्य स्तरीय श्रमिक नेताओं ने आरोप लगाया कि जूट उद्योग में बार-बार लॉकआउट और ले-ऑफ की घटनाएं बढ़ रही हैं, लेकिन प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा. साथ ही, बंद मिलों की भूमि को निजी प्रमोटरों को देने की साजिश चल रही है.
श्रमिक संगठनों ने चेतावनी दी है कि जब तक पीएफ, ग्रेच्युइटी और बकाया वेतन का भुगतान नहीं किया जाता और मिल में उत्पादन दोबारा शुरू नहीं होता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
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(Udaipur Kiran) / अभिमन्यु गुप्ता
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