-अविचलदेवाचार्य महाराज के सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की उपस्थिति
अहमदाबाद, 5 मई . भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में कैवल ज्ञान पीठाधीश्वर जगद्गुरु अविचलदेवाचार्य महाराज की चौथी बार नियुक्ति होने पर सोमवार को अहमदाबाद के थलतेज स्थित श्री रामधाम परिसर में उनका सम्मान समारोह आयोजित हुआ. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की प्राचीन सांस्कृतिक परंपराओं के पुनरुत्थान का महायज्ञ शुरू किया है. उन्होंने धर्मसेवा के साथ-साथ जनसेवा को जोड़कर ‘विकास के साथ विरासत’ का मंत्र दिया है, साथ ही देश की आध्यात्मिक एवं धार्मिक विरासतों का दुनियाभर में गौरवगान किया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की इस परिपाटी के परिणामस्वरूप यूनेस्को ने पिछले महीने भगवद गीता और महर्षि भरत मुनि रचित नाट्यशास्त्र की पांडुलिपियों को ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ में शामिल किया है. यह केवल ग्रंथों का सम्मान नहीं है, बल्कि हमारे राष्ट्र की समृद्ध संस्कृति को वैश्विक स्तर पर मिली स्वीकृति भी है. उन्होंने कहा कि भारत की पुण्यशाली भूमि सदियों से धर्मप्रीति से प्रकाशित रही है. इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा और मार्गदर्शन में तीर्थराज प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ से पूरी दुनिया ने भारत की एकता और संस्कृति को पहचाना. इस महाकुंभ में देश और दुनिया के करोड़ों श्रद्धालुओं ने साधु, संतों और तपस्वियों के दर्शन कर आस्था की डुबकी लगाई है. मुख्यमंत्री ने इस महाकुंभ के अवसर पर आयोजित अखिल भारतीय संत समिति के केंद्रीय अधिवेशन में परम पूज्य जगद्गुरु अविचलदेवाचार्य महाराज के भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चौथी बार नियुक्त होने की गौरवपूर्ण घटना का उल्लेख करते हुए आचार्य जी को शुभकामनाएं दीं.
मुख्यमंत्री ने अविचलदेवाचार्य जी महाराज के सम्मान समारोह के आयोजन के लिए बाबा रामदेव देवस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष नितिनभाई पटेल और सभी आयोजकों को भी बधाई दी. मुख्यमंत्री ने कैवल ज्ञान संप्रदाय गुरुगादी-सारसापुरी के सप्तम कुवेराचार्य अविचलदेवाचार्य द्वारा प्रेरित धर्म और समाज सेवा की गतिविधियों की सराहना करते हुए कहा कि सारसा में अन्न क्षेत्र के माध्यम से भक्तों को भोजन सेवा प्रदान की जा रही है. सारसा, बालकुवेर और वाराणसी में श्रद्धालुओं-यात्रियों के लिए धर्मशालाओं का संचालन किया जाता है. इसी तरह, गौशाला और हमारे प्राचीन गोवंश कांकरेजी गायों का संवर्धन केंद्र भी संचालित है.
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भावसूत्र ‘सरकार के प्रयास में समाज का प्रयास जुड़ जाए, तो विकास की गति दोगुनी हो जाती है’ का उल्लेख करते हुए कहा कि अविचलदेवाचार्य महाराज की अगुवाई में दूरदराज स्थित आदिवासी क्षेत्रों में प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा के स्कूल और कॉलेज संचालित हैं. स्वास्थ्य कल्याण सेवाएं हो या सामूहिक विवाहोत्सव, जल संचयन हो या फिर प्राकृतिक आपदा की स्थिति, कैवल ज्ञान संप्रदाय किसी भी समय सेवा प्रदान करने में अग्रसर रहता है. उन्होंने कहा कि संगठन शक्ति में कुशल अविचलदेवाचार्य महाराज ने विश्व हिंदू परिषद और राम जन्मभूमि आंदोलन में समाज शक्ति को संगठित रखने का कार्य भी किया था. मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति हजारों वर्षों से मानव जाति को धर्म, करुणा और शांति का मार्ग दिखा रही है, जिसकी नींव में हमारा सनातन धर्म है. यह धर्म केवल उपासना पद्धति ही नहीं है, बल्कि जीवन जीने का एक समग्र दृष्टिकोण भी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प किया है. इतना ही नहीं, विकसित भारत के निर्माण के लिए हमें ‘सभी की सेवा’ के 9 संकल्प भी दिए हैं. उम्मीद है कि इन सभी संकल्पों को पूरा करने में समाज को संत शक्ति का मार्गदर्शन और आशीर्वाद प्राप्त होता रहेगा.
जगद्गुरु अविचलदेवाचार्य ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार और गुजरात में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार, सभी के कल्याण और विकास के लिए कार्य कर रही हैं. साथ ही, यह सरकार धर्म, समाज और संस्कृति के उत्थान के लिए भी कार्यरत है, इसलिए भारत का समग्र संत समाज ऐसे विशिष्ट जननायकों एवं उनके नेतृत्व में कार्यरत सरकार के कार्यों से संतुष्ट है और उनकी अविरत प्रगति की कामना करता है. पूर्व उप मुख्यमंत्री नितिनभाई पटेल ने इस अवसर पर भारत में धर्मसत्ता और राज्यसत्ता के समन्वय से भारतीयों के सर्वांगीण विकास और कल्याण की संकल्पना पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि संतशक्ति के बल पर ही हिंदुस्तान की आत्मा अखंड और अमर रही है. भारत राष्ट्र अपने सांस्कृतिक जागरण के लिए सदैव ही संतशक्ति का आभारी रहा है.
कार्यक्रम में विधायक हर्षदभाई पटेल, जीतू भगत, जगन्नाथ मंदिर के महंत दिलीपदास महाराज, दंडी स्वामी जितेन्द्र सरस्वती, महंत मोहनदास, राजेन्द्र दास, सतपंथी जगद्गुरु ज्ञानेश्वर, महंत राजेन्द्र गिरि, महामंडलेश्वर डॉ. गीता श्रीहरि दीदी, चैतन्य शंभु महाराज, विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अशोक रावल, उमिया धाम के अध्यक्ष आर.पी. पटेल सहित कई महानुभाव मौजूद रहे.
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/ बिनोद पाण्डेय
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